इन तीन राज्यों ने 'ब्लैक फंगस' को घोषित किया महामारी; MP, राजस्थान और हरियाणा में ही म्यूकर माइकोसिस के 1100 से ज्यादा मरीज

कोरोना के साथ-साथ देश में अब 'ब्लैक फंगस' यानी म्यूकर माइकोसिस के मरीजों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। इस बीमारी ने राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है। यही वजह है कि कई राज्य इसे महामारी घोषित कर चुके हैं। 'ब्लैक फंगस' की वजह से कई मरीजों की मौत भी हो रही है।

इन राज्यों में मिले मरीज

राजस्थान सरकार ने बुधवार को ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया। राज्य में अब तक 400 लोग ब्लैक फंगस की वजह से आंखों की रोशनी खो चुके हैं। जयपुर में ही करीब 148 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। जोधपुर में 100 मामले सामने आ चुके हैं। 30 केस बीकानेर के और बाकी अजमेर, कोटा और उदयपुर के हैं।

मध्यप्रदेश ने ब्लैक फंगस को अभी महामारी घोषित नहीं किया है। हालाकि, अब तक यहां 239 मरीज सामने आ चुके है। इलाज के दौरान 10 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 174 अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से 129 मरीजों की सर्जरी हो चुकी है। पूरे राज्य में 585 मरीज बताए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने भी ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। यहां मरीजों की संख्या 100 के करीब पहुंच चुकी है। अस्पतालों में 92 मरीजों का इलाज चल रहा है। सबसे ज्यादा 69 मरीज एम्स में भर्ती हैं। इनमें से 19 का ऑपरेशन हो चुका है।

दिल्ली ब्लैक फंगस के मरीज 300 के पार हो चुके हैं। इंजेक्शन की कमी होने के चलते इन मरीजों को अब ऑपरेशन कराने पड़ रहे हैं। एम्स में ही पिछले एक सप्ताह में 75 से 80 मरीज भर्ती हुए हैं। इनमें से 30 मरीजों की हालत काफी गंभीर है।

हरियाणा में ब्लैक फंगस के 177 मरीज हैं। हरियाणा पहला राज्य था जिसने इसे महामारी घोषित किया था।

ब्लैक फंगस से हर किसी को घबराने की जरूरत नहीं

आपको बता दे, जिस ब्लैक फंगस को लेकर पूरे देश में दहशत का माहौल है उससे हर किसी को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। सिर्फ उन मरीजों को सतर्क रहने की जरुरुत है जो शुगर, कैंसर, एचआइवी जैसे रोगों से ग्रस्त है। विशेषज्ञ कहते हैं कि स्वस्थ लोग व बच्चे तो बिल्कुल भी घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि वह पूरी तरह रिस्क से बाहर हैं।

केजीएमयू में मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा वीरेन्द्र आतम कहते हैं कि ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा सिर्फ अनियंत्रित शुगर वाले कोविड व पोस्ट कोविड मरीजों को ही ज्यादा है। कैंसर व एचआइवी के मरीज भी कोरोना संक्रमित होने पर रिस्क पर हैं। मगर इसके अलावा अन्य लोगों को इससे कोई खतरा नहीं है। यहां तक कि कोविड के कम व मध्यम संक्रमित लोग भी इसके रिस्क से लगभग बाहर हैं। जो लंबे समय से वेंटिलेटर या बाईपेप पर हैं और उन्हें स्टेराइ़ड की हाई डोज देनी पड़ी है, उनको ही रिस्क है। सामान्य लोग व बच्चे तो बिल्कुल इसके खतरे से बाहर हैं।