दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी को हराने वाली भाजपा ने फरीदाबाद में भी अपना परचम लहराया है। फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रवीण जोशी ने तीन लाख वोटों के बड़े अंतर से कांग्रेस उम्मीदवार लता रानी को करारी शिकस्त दे दी। फरीदाबाद नगर निगम में मेयर पद की उम्मीदवार भाजपा की प्रवीण जोशी को 4,16,927 वोट मिले। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी लता रानी को 1,00,075 मतों से ही संतोष करना पड़ा। वहीं आम आदमी पार्टी की निशा दलाल 29,977 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। हार जीत का अंतर 3,16,852 रहा।
एकतरफा मुकाबले में भाजपा की जीतफरीदाबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा उम्मीदवार प्रवीण जोशी ने बड़ी जीत हासिल की है। बुधवार सुबह जैसे ही मतगणना शुरू हुई। भाजपा और कांग्रेस खेमे में हलचलें तेज हो गई थीं। इसके बाद कुल 13 राउंड तक चली वोटों की गिनती में भाजपा प्रत्याशी प्रवीण जोशी को विजेता घोषित किया गया। हालांकि मतगणना में शुरुआत से ही भाजपा उम्मीदवार प्रवीश जोशी ने बढ़त बना ली थी। जो आखिरी राउंड तक कायम रही। फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए विजेता उम्मीदवार की घोषणा होते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया।
फरीदाबाद नगर निगम चुनाव के लिए बीते दो मार्च को मतदान हुआ था। इस दौरान बड़ी संख्या में मतदाताओं ने भाजपा को समर्थन दिया। बुधवार को आए चुनाव परिणाम में भाजपा को मिली जीत ऐतिहासिक मानी जा रही है। इसके अलावा चौथे नंबर पर रहीं बसपा प्रत्याशी की मनसा पासवान को 23,973 वोट मिले। जबकि 9,285 वोट निर्दलीय प्रत्याशी अंजना शर्मा को और 11,335 वोट निर्दलीय प्रत्याशी संगीता यादव को भी मिले। जबकि 10,223 लोगों ने नोटा इस्तेमाल किया। हरियाणा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मतगणना के आधिकारिक आंकड़े दर्ज कर दिए गए हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत मिलने से कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया। बुधवार को चुनाव परिणाम आते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाना शुरू कर दिया। इस दौरान भाजपा की मेयर प्रत्याशी प्रवीण जोशी ने जीत के लिए मतदाताओं का आभार जताया। इसके साथ ही उन्होंने जनता की उम्मीदों पर खरी उतरने का भरोसा भी दिलाया।
फरीदाबाद नगर निगम चुनाव से ठीक पहले संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड जीत मिली है। पिछले 27 सालों से दिल्ली में वनवास काट रही भाजपा को दिल्ली की 70 में से 48 विधानसभा सीटों पर जीत मिली। जबकि पिछले एक दशक से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी मात्र 22 सीटों पर सिमट गई। जबकि साल 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को क्रमशः 67 और 62 सीटों पर जीत मिली थी। इसके अलावा कांग्रेस का इस बार भी दिल्ली में खाता नहीं खुला।