गृह युद्ध टिप्पणी पर बढ़ीं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट में अगले सप्ताह सुनवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की परेशानी अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज तक पहुँच गई है। ‘भारत में गृह युद्ध’ और मुख्य न्यायाधीश को लेकर दिए गए बयान पर अब शीर्ष अदालत अगले सप्ताह सुनवाई करेगी। यह जानकारी याचिकाकर्ता वकील नरेंद्र मिश्रा ने दी है।

वकील मिश्रा ने जस्टिस बीआर गवई की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणियाँ न केवल न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सार्वजनिक रूप से निशाना बनाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर इन बयानों के आधार पर ट्रेंड चलाए जा रहे हैं, जिनमें अभद्र टिप्पणियाँ की जा रही हैं।

आईएएनएस से बातचीत में मिश्रा ने बताया, मैंने सुप्रीम कोर्ट में आग्रह किया है कि इस तरह की भड़काऊ और अपमानजनक सामग्री को तुरंत हटाने का निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही बताया कि एडवोकेट जनरल को कई पत्र लिखे गए हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इस मामले के साथ ही सोमवार को पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की याचिका पर सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी चर्चा में रही। जब अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने राज्य में हिंसा के मद्देनज़र केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की, तो जस्टिस बीआर गवई ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “आप चाहते हैं कि हम राष्ट्रपति को आदेश दें? वैसे भी हम पर पहले से ही कार्यपालिका में हस्तक्षेप का आरोप लगाया जा रहा है।”

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब न्यायपालिका और राजनीति के बीच तीखी बहसें और संवैधानिक अधिकारों को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की आगामी सुनवाई में यह स्पष्ट हो सकता है कि ऐसे मामलों में न्यायपालिका क्या रुख अपनाती है।