कंगना के आजादी वाले बयान पर मनोज तिवारी ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, कही ये बात

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के 'भीख में मिली आजादी' और '2014 में देश को मिली आजादी' वाले बयान पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कि जब भारत आजाद हुआ तो उसको किसी को भी नीचा दिखाने या दागदार करने का हक नही होना चाहिए।

मनोज तिवारी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी जी के आने के बाद द गार्डियन ने भी लिखा कि एक नया भारत शुरू हुआ है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम अपनी स्वाधीनता को कम करके देखें, बल्कि गौरव से सभी को देखना चाहिए'।

दिल्ली भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने कंगन रनौत की निंदा की और उनके खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि रनौत की टिप्पणी ‘‘स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है।'' उन्होंने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘एक स्वतंत्रता सेनानी का पुत्र होने एवं स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने का कारण कंगना रनौत द्वारा भारत की आजादी को भीख मे मिली आजादी कहना, मुझे स्वतंत्रता का सबसे बड़ा दुरुपयोग एवं स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग का अपमान लगता है।''

महात्मा गांधी के पड़पौत्र तुषार गांधी ने शुकव्रार को अभिनेत्री को नफरत का एक एजेंट बताया। उन्होंने ट्वीट किया, 'पद्मश्री कंगना रनौत नफरत, असहिष्णुता और अनर्गल उत्साह की एजेंट है। यह हैरानी की बात नहीं है कि उन्हें लगता है कि भारत को आजादी 2014 में मिली। घृणा, असहिष्णुता, दिखावटी देशभक्ति और दमन को भारत में 2014 में आजादी मिली।'

उन्होंने कहा, 'यह हैरानी की बात नहीं है कि ऐसे बयान उस कार्यक्रम में दिए गए, जिसमें प्रधानमंत्री भी शामिल हुए। आखिरकार आज पीएमओ नफरत का झरना बन गया है जो प्रचुर मात्रा में हमारे देश में बहता है।'

बता दे, राजनीति या अन्य विषयों पर अपने बयानों से आए दिन चर्चा में रहने वालीं रनौत ने बृहस्पतिवार को यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि भारत को 'वास्तविक आजादी' 2014 में मिली थी। उनका परोक्ष तौर पर इशारा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के सत्ता में आने की ओर था। रनौत ने इसके साथ ही वर्ष 1947 में देश को मिली आजादी को 'भीख' करार दिया था। अभिनेत्री ने पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने के एक दिन बाद ही यह विवादित बयान दिया।