झारखंड के निर्वाचन क्षेत्रों में संदिग्ध मतदाता वृद्धि की जांच हो: भाजपा

रांची। झारखंड के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए, भाजपा की राज्य इकाई ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को ज्ञापन सौंपकर इस संबंध में गहन जांच की मांग की है। भाजपा के अनुसार, 10 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान मतदाताओं की संख्या में 20 से 123 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो वास्तव में चिंताजनक है।

भाजपा ने दावा किया कि इन 10 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची का अध्ययन करने के बाद यह स्पष्ट है कि अल्पसंख्यक बहुल बूथों पर 123 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जबकि बहुसंख्यक समुदाय के प्रभाव वाले बूथों पर मात्र 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राजमहल, बरहेट, पाकुड़, नहेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा विधानसभा क्षेत्रों में अध्ययन किया गया। भाजपा ने दावा किया कि कई हिंदू बहुल बूथों पर भी मतदाताओं की संख्या में कमी आई है।

सीईओ को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है, ‘सरकारी अधिकारियों द्वारा साजिश के तहत कुछ बूथों पर बहुसंख्यक समुदाय के मतदाताओं के नाम काट दिए गए हैं, जिसके कारण हजारों मतदाता वोट डालने से वंचित रह गए, जो एक गंभीर मामला है।’ ज्ञापन में कहा गया है कि यह तो महज एक उदाहरण है, अगर पूरे राज्य में सबसे संवेदनशील बूथों की जांच की जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सुनियोजित तरीके से जनसांख्यिकी को बदलने की साजिश चल रही है।

ज्ञापन में आगे कहा गया है कि एक साजिश के तहत राज्य सरकार के सहयोग से प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाकर विदेशी घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं। मतदाता सूची में अवैध रूप से दर्ज किए गए नामों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धाराओं के तहत हटाया जाए, इसकी फोटोकॉपी संलग्न है।

इस बीच, असम के मुख्यमंत्री और झारखंड के सह-चुनाव प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने भी बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की और झारखंड में एक ऐसा कानून बनाने की मांग की जो अवैध प्रवासियों को राज्य में आदिवासी लड़कियों से शादी करने से रोके। सरमा कार्यकर्ताओं के अभिनंदन कार्यक्रमों और विजय संकल्प सभाओं में भाग लेने के लिए झारखंड के दो दिवसीय दौरे पर हैं।

सरमा ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार झारखंड के लोगों की चिंताओं को दूर करने के बजाय घुसपैठियों को बचाने पर ज्यादा ध्यान दे रही है।

उन्होंने कहा, भगवान बिरसा मुंडा और सिदो कान्हू की धरती घुसपैठियों की धरती बनती जा रही है। संथाल परगना की जनसांख्यिकी बदल गई है। लव जिहाद और लैंड जिहाद अपने चरम पर है। बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी बेटियों से शादी कर रहे हैं और जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।