जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनावों में इस बार भाजपा को अपने प्रत्याशी के विरुद्ध जहाँ कांग्रेस प्रत्याशियों का मुकाबला झेलना भारी पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर उसे अपनी ही पार्टी के बागी उम्मीदवारों द्वारा दी गई चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए अब राजस्थान भाजपा ने अपने उन बागियों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है, जो भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ मैदान में डटे हुए हैं।
सवाई माधोपुर से भाजपा उम्मीदवार किरोड़ी लाल मीणा के खिलाफ चुनावी मैदान में डटी आशा मीणा और गंगापुर सिटी से छोटू लाल सैनी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। गौरतलब है कि आशा मीणा को भाजपा ने इस बार सवाई माधोपुर से टिकट नहीं दिया है। यहां से भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा चुनाव लड़ रहे हैं। आशा ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। इसके अलावा ब्यावर में भाजपा से बागी निर्दलीय उम्मीदवार इंद्र सिंह बागावास, महेंद्र सिंह रावत और पुष्कर में भाजपा से बगावत कर आरएलपी में शामिल होकर उम्मीदवार बने अशोक रावत को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है।
भाजपा को बागियों से खतरा राजस्थान अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत द्वारा जारी आदेश के अनुसार आशा मीणा और छोटूराम सैनी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबति किया गया है। दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा को बागियों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के बागी सियासी खेल बिगाड़ सकते हैं। टिकट नहीं मिलने से नाराज कई नेताओं ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए थे। लेकिन इसके बावजूद एक दर्जन से ज्यादा बागी मैदान में डटे हुए हैं। इनमें चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान आक्या, भवानी सिंह राजावत, आशा मीणा समेत अन्य नेता मैदान में है।
आशा से मिल रही है किरोड़ी को टक्कर सियासी जानकारों का
कहना है कि किरोड़ी के वोट बैंक में आशा ने सेंध लगा दी है। सब कुछ ठीक रहा
तो हालात किरोड़ी लाल के खिलाफ हो सकते हैं। हालांकि, किरोड़ी भाजपा के
बड़े नेता हैं। पिछली बार आशा मीणा को कांग्रेस के दानिश अबरार ने हरा दिया
था। आशा मीणा को भाजपा से टिकट की उम्मीद थी, लेकिन किरोड़ी लाल को भाजपा
ने उम्मीदवार बना दिया। आशा ने निर्दलीय ताल ठोक दी है।