लखनऊ में गरजे अमित शाह, कहा - डंके की चोट पर कह रहा हूं, वापस नहीं होगा CAA

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में एक जनसभा की। 'भारत माता की जय' के नारों से अपने भाषण की शुरुआत करने के बाद अमित शाह ने पूरे विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इसकी वजह से इस देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। ममता दीदी, राहुल बाबा, अखिलेश यादव चर्चा करने के लिए सार्वजनिक मंच तलाश लो, हमारा स्वतंत्र देव चर्चा करने के लिए तैयार है। सीएए की कोई भी धारा, मुसलमान छोड़ दीजिए, अल्पसंख्यक छोड़ दीजिए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकती है तो वह मुझे दिखा दीजिए। अमित शाह ने देश भर नागरिकता कानून को लेकर हो रही हिंसा का जिम्मेदार समाजवादी पार्टी (एसपी), कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को ठहराया।

अमित शाह ने कहा कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही। आखिर कहां गए ये लोग। कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। मैंने उनके दर्द को सुना है। महात्मा गांधी की जयंती के दिन एक हजार माताओं-बहनों से बलात्कार किया जाता है, उनको जबरन निकाह पढ़ाया जाता है। हजारों की संख्या में मंदिर-गुरुद्वारे तोड़े जाते हैं। अफगानिस्तान के अंदर आसमान को छूने वाली मूर्ति को तोप के गोले से जीर्णशीर्ण कर दिया गया।

अमित शाह ने कहा कि मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है। अमित शाह ने कहा कि मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कलतक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे, वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं।

अमित शाह ने कहा, 'नेहरू जी ने कहा था कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए। इनको नागरिकता देने के लिए जो करना चाहिए वह करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।'

उन्होंने कहा, 'दो साल पहले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के अंदर देश विरोधी नारे लगे। मैं जनता से पूछने आया हूं कि जो भारत माता के एक हजार टुकड़े करने की बात करें, उसको जेल में डालना चाहिए या नहीं। मोदी जी ने उनको जेल में डाला और ये राहुल ऐंड कंपनी कह रही है कि यह बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार है।'