बिप्लव देब होंगे त्रिपुरा के अगले मुख्यमंत्री, जिष्णु देव वर्मा बनेंगे डिप्टी सीएम

त्रिपुरा के अगले मुख्यमंत्री बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब होंगे। अगरतला में बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी के विधायकों की बैठक में देब को नेता के रूप में चुना गया। इसमें बीजेपी की ओर से केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद थे। उन्होंने ने ही मीडिया को यह जानकारी दी। देब की लीडरशिप में बीजेपी ने राज्य में पहली बार 35 सीट जीती हैं। 2013 के चुनाव में पार्टी के पास एक भी सीट नहीं थी। उधर, जिष्णु देब बर्मन को डिप्टी सीएम बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, 8 मार्च को शपथ ग्रहण होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।

कौन हैं बिप्लब देब?

मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में बिप्लव इसलिए सबकी पसंद हैं, क्योंकि वे लो-प्रोफाइल रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निभाना जानते हैं। रुझान के दौरान भाजपा महासचिव राम माधव के साथ वह मंच भी साझा करते दिखे हैं। चुनाव नतीजों से पहले भी ऐसे संकेत मिलते रहे हैं कि त्रिपुर में बिप्लव को भाजपा की कमान दी जा सकती है। बिप्लब देव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व स्वयंसेवक रह चुके हैं। वह त्रिपुरा बीजेपी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले सुधींद्र दासगुप्ता की जगह लाया गया था।

बिप्लब देव का जन्म दक्षिणी त्रिपुरा के उदरपुर सबडिविजन में हुआ था। देब की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है और उनका ज्यादातर वक्त नागपुर के आरएसएस हेडक्वॉटर्स में बीता है। बिप्लब देव ने त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है। उनके खिलाफ एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। बनमालीपुर (पश्चिमी त्रिपुरा) में विप्लव का मुकाबला ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के कुहेली दास से है। विप्लव ने नामांकन पत्र के साथ दिए ऐफिडेविट में अपनी आय मात्र 2,99,290 रुपये बताई है

अपनी बात जनता तक पहुंचाने में कामयाब रहे

बिप्लब ने त्रिपुरा में जमीनी स्तर पर काम किया। चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि राज्य में लेफ्ट की सरकार 25 सालों से जनता का बेवकूफ बना रही है। यहां भरपूर नेचुरल रिसोर्स होने के बावजूद यह देश का सबसे गरीब राज्य है। उन्होंने वादा किया था कि बीजेपी अगर सत्ता में आई तो इसे मॉडल स्टेट बनाया जाएगा। बिप्लब अपनी यह बात जनता तक पहुंचाने में कामयाब रहे। उनकी अगुआई में कई लेफ्ट समर्थक बीजेपी में आए। फरवरी के पहले हफ्ते में उन्होंने 1600 से ज्यादा लेफ्ट सपोर्टर्स के बीजेपी में आने का दावा किया था।