बिहार (Bihar) के सहरसा जिले के दुर्गापुर गांव में 22 साल के युवक को इलाज न मिलने की वजह से मौत हो गई। दरअसल, दिलवर शुक्रवार को अचानक बेहोश होकर गिर गया था। परिजन उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले गए लेकिन डॉक्टर ने कोरोना संदिग्ध समझकर इलाज करने से मना कर दिया। परिजनों ने फोन कर सरकारी एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन एम्बुलेंस पहुंचने से पहले ही दिलवर की मौत हो गई। परिजन शव को ट्रैक्टर-ट्रॉली में रखकर झिटकिया घाट पर ले गए। वहां 2 साल के बेटे से मुखाग्नि दिलवाई और शव को नदी में बहा दिया, क्योंकि उन्हें भी डर था कि कहीं बेटे को कोरोना नहीं हो।
दिलवर डेढ़ महीने पहले दिल्ली से आया था। उसकी तबीयत पहले से खराब थी। हालांकि, गांव वालों का कहना है सांप के काटने की वजह से दिलवर की मौत हुई। पुलिस का कहना है कि मृतक के सभी घरवालों का कोरोना टेस्ट होगा।
बता दे, बिहार में संक्रमण के मामले लगतार बढ़ते जा रहे है। शुक्रवार को
रिकॉर्ड 1 हजार 820 संक्रमित मिले। थोड़ी राहत यह कि इससे भी ज्यादा रिकॉर्ड
1 हजार 873 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर भी लौटे। बिहार संक्रमितों की
संख्या के मामले में राजस्थान को पीछे छोड़कर 10वें स्थान पर आ गया।