इराक के मोसुल में मारे गए 38 भारतीयों के शवों को लेकर सोमवार को विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह वतन वापस लौटे। इराक में मारे गए 39 भारतीयों में से छह बिहार के रहने वाले थे, जिनमें से पांच के शव के अवशेष परिवार वालों को सुपुर्द करने के लिए मंगलवार सुबह सिवान पहुंचाए गए। सीवान के दो परिवारों ने शवों को लेने से इंकार कर दिया है। वह राज्य सरकार से वित्तीय सहायता का आश्वासन चाहते हैं।
इन दोनों मृतकों के परिजनों का कहना है कि बिहार सरकार ने मृतकों के परिवार वालों को पांच पाच लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है, जो नाकाफी है। सुनील कुशवाहा की पत्नी पूनम देवी ने कहा कि उनके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनकी उम्र क्रमशः छह साल और आठ साल है। पति के मौत के बाद उन्हें परिवार चलाने में काफी दिक्कत हो रही है। इसी वजह से उन्होंने मांग की कि जब तक उन्हें नौकरी नहीं मिल जाती है, तब तक वह अपने पति के अवशेष को स्वीकार नहीं करेंगी।
वहीं, दूसरी तरफ अदालत सिंह के परिजनों ने भी उनके अवशेष लेने से इंकार कर दिया और मांग की कि जिस तरीके से पंजाब सरकार ने वहां के मृतकों के परिवार वालों को मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी का एलान किया है, उसी तरीके से बिहार सरकार को अभी मृतकों के परिवार वालों को नौकरी देनी चाहिए। वहीं, एक शव के अवशेष के डीएनए मैच किए जा रहे है। डीएनए मैच होने के बाद ही राजू यादव के अवशेष को वापस लाया जाएगा।
इस मामले पर सीवान जिाधिकारी महेंद्र कुमार का कहना है कि वह नियमों के मुताबिक हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने कहा- हम उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे। उन्हें नियमों के मुताबिक हर संभव मदद दी जाएगी। मारे गए दो नागरिकों के परिवार वाले अपनी मर्जी से शव को लेने नहीं आए और उन्होंने कहा कि वह घर में शवों को प्राप्त करेंगे।
बता दें कि 39 भारतीयों में से 38 के शव के अवशेष सोमवार को विशेष विमान से भारत वापस लाया गया और उन्हें उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया। इन अवशेषों को लाने के लिए जनरल वीके सिंह खुद इराक गए थे। इसके बाद उन्होंने अवशेषों को मृतकों के परिजनों तक पहुंचाया। एक भारतीय राजू यादव के डीएनए को मैच करने का काम जारी है। डीएनए मैच होने के बाद उनके शव को भी स्वदेश लाया जाएगा।