मुजफ्फरपुर गर्ल्स हॉस्टल में यौन शोषण, 44 में से 3 नाबालिग लड़कियां पाई गई गर्भवती

मुजफ्फरपुर में सरकार द्वारा संचालित बालिका गृह में रहने वाली बालिकाओं के यौन शोषण का खुलासा होने के बाद अब एक बड़ी खबर सामने आई है। मुंबई की प्रतिष्ठित संस्था ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस’ से जारी सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि यहां रहने वाली लड़कियां नेता से लेकर अधिकारी तक के घरों में भेजी जाती थी। वही उसी रिपोर्ट से एक और चौकाने वाली बात सामने आई है जिसमे पाया गया है कि हॉस्टल की 44 लड़कियों में 3 गर्भवती हैं। बता दें कि यहां 6-14 साल की लड़कियों को आश्रय देने की सुविधा है।

इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। बालिका गृह का संचालन करने वाली संस्था के लोग पहले से ही फरार हैं। जिला प्रशासन ने आनन-फानन में वहां रहने वाली लड़कियों को पटना और मधुबनी स्थानांतरित कर दिया है और बालिका सुधार गृह को सील कर दिया है।

रिपोर्ट में टाटा संस्था ने ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ के खिलाफ तत्काल कानूनी प्रक्रिया शुरू करने और गहन छानबीन के साथ करेक्टिव ऐक्शन लेने की सलाह दी गई थी।

- इधर, इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के आधार पर जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने महिला थाने में बालिका गृह का संचालन करने वाले एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ के कर्ताधर्ता और पदाधिकारियों पर केस दर्ज कराया है।

-पुलिस ने सहायक निदेशक के शिकायती आवेदन के आधार पर धारा 376 और 120 बी के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। एनजीओ से जुड़े सभी लोग फिलहाल फरार बताये जा हैं।
- बता दें कि पिछले दिनों टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की कोशिश टीम ने ‘समाज कल्याण विभाग’ द्वारा संचालित संस्थाओं की सोशल ऑडिट रिपोर्ट ‘समाज कल्याण विभाग’ पटना के निदेशक को सौंपी।

- इस रिपोर्ट के पेज नंबर 52 पर मुजफ्फरपुर में चल रहे बालिक गृह के कार्यकलाप पर गंभीर सवाल उठाये। रिपोर्ट में ऑडिट टीम ने दावा किया कि बालिक गृह में रहने वाली कई बालिकाओं ने यौन उत्पीड़न का खुलासा किया है।