नीतीश सरकार की सफाई, सत्तरघाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबर को बताया झूठा

बिहार के गोपलगंज जिले में गंडक नदी पर तकरीबन 264 करोड़ की लागत से बना सत्तरघाट महासेतु कल पानी के दबाव से धराशायी हो गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल का उद्घाटन पिछले महीने ही किया था। यह पुल महज 29 दिनों के भीतर ही नदी में समा गया। वहीं, इस पुल के ध्वस्त होने से चंपारण तिरहुत और सारण के कई जिलों का संपर्क टूट गया है। हालाकि, पुल के टूटने पर बिहार सरकार ने अपनी सफाई में कहा ही कि सत्तरघाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबर झूठी है।

सरकार का कहना है कि सत्तरघाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मीटर लंबाई के छोटे पुल का पहुंच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अंदर अवस्थित है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की ओर ज्यादा है। इस कारण पुल के पहुंच का सड़क का हिस्सा कट गया है।

अपने बयान में राज्य सरकार ने कहा है कि यह अप्रत्याशित पानी के दबाव के कारण हुआ है। इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ है। मुख्य सत्तरघाट पुल जो 1.4 किमी लंबा है, वह पूरी तरह सुरक्षित है। इसमें कहा गया है कि पानी का दबाव कम होते ही यातायात चालू कर दिया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि इस योजना में कोई अनियमितता का मामला नहीं है। यह एक प्राकृतिक आपदा है। इसे लेकर विभाग पूरी तरह मुस्तैद है।

आपदा में सड़कें और पुल टूट जाते हैं: पीडब्ल्यूडी मंत्री

वहीं, पुल के टूटने पर राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री नंद किशोर यादव ने बेतुका बयान देते हुए कहा है कि यह प्राकृतिक आपदा की वजह से हुआ है, इसमें तो सड़कें और पुल टूटते ही हैं।

मंत्री नंद किशोर ने कहा कि सत्तरघाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है। मुख्य सत्तरघाट पुल से दो किमी दूर एक अप्रोच रोड है, जो पानी के कटाव की वजह से बह गया है। यह प्राकृतिक आपदा है। इसमें तो सड़कें और पुल बह जाते हैं। यादव ने कहा है कि पुल निर्माण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश की वजह से मिट्टी का कटाव हुआ, जिसकी वजह से पुल ढहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृति आपदा की वजह से यह आफत आई है। इस पर आरजेडी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टूटे हुए हिस्से को जल्द ठीक कराएंगे।

विपक्ष ने बोला हमला

वहीं, इस टूटे हुए पुल का वीडियो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए नीतीश सरकार पर तंज कसा है। तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, '8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था। आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है।