Bihar News: कांग्रेस विधायक के भतीजे को घर में घुसकर मारी गोलियां; दादा, पिता और चाचा के बाद यह चौथा मर्डर

बिहार में 15 साल पुरानी रंजिश में शनिवार की शाम खूनी खेल खेला गया। यहां, करगहर के कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा के भतीजे संजीव मिश्रा की अपराधियों ने गोली मार हत्या कर दी। घटना के बारे में बताया जाता है कि जब संतोष अपने आवास पर थे उसी दौरान तीन बाइक पर सवार अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। संजीव मिश्रा को चार गोलियां लगी, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर स्थिति में वाराणसी ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। घटना परसथुआ में संजीव के मकान पर हुई। संजीव सोहसा निवासी महेन्द्र मिश्रा का पुत्र था। वारदात के बाद अपराधी बाइक से फरार हो गए। बता दे, इससे पहले इस परिवार के तीन लोगों की हत्या हो चुकी है। घटना की सूचना पर सासाराम DSP और परसथुआ थाना पुलिस पहुंची, लेकिन भीड़ इतनी थी कि पुलिस किसी का बयान नहीं ले पा रही थी। पुलिस के अनुसार पुरानी रंजिश में अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है। अपराधियों की तलाश में छापेमारी चल रही है। आसपास के CCTV फुटेज को खंगाला जा रहा है। कुछ लोगों से पूछताछ चल रही है।

परिजनों के अनुसार संजीव परसथुआ बाजार में गया था, जहां से शाम करीब पांच बजे वह अपने घर पहुंचा। इसी दौरान घटना हुई। वारदात को अंजाम देने के बाद चारों अपराधी 2 बाइक से फरार हो गए। अपराधियों ने भागने के क्रम में हवा में गोलियां चलाईं। इस कारण कोई पीछा नहीं कर सका। बाजार में गोलियों की तड़तड़ाहट से हड़कंप मच गया। संजीव के घर के सामने लोगों की भीड़ जमा हो गई।

मृतक संजीव मिश्रा करगहर के विधायक संतोष मिश्रा के भतीजा थे। उनकी हत्या से इलाके में दहशत फैल गई है। संजीव मिश्रा चंद्रिका मिश्रा के पुत्र थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना के पीछे आपसी रंजिश हो सकती है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

बता दें कि पूर्व मंत्री स्व गिरीश नारायण मिश्रा के पुत्र करगहर के विधायक संतोष मिश्रा हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी संजीव अपने चाचा के लिए बढ़-चढ़कर चुनाव प्रचार किया था जिसमें संतोष मिश्रा को सफलता भी मिली और वे करगहर के विधायक बने। गांव के ही एक पक्ष से इस परिवार की 15 साल पुरानी रंजिश चल रही थी। इसी रंजिश में पूर्व मंत्री के भाई कामता मिश्रा को सबसे पहले मौत के घाट उतार दिया गया गया। इसके बाद कामता मिश्र के बेटे और संजीव के पिता महेंद्र मिश्रा की हत्या कर दी गई। अपराधियों ने संजीव के चाचा चंद्रमा मिश्रा की भी करीब 2 साल पहले हत्या कर दी थी। घर में 3 लोगों की हत्या के प्रतिशोध में संजीव ने गांव के ही अभय राय को 2 साल पहले मार डाला था। अभय राय की हत्या के आरोप में संजीव मिश्रा 2 महीना पहले ही जेल से बाहर निकला था। अभय के परिजन संजीव की हत्या करना चाहते थे।