बिहार: मस्तिष्क तक पहुंचा ब्‍लैक फंगस, तीन घंटे चली सर्जरी के बाद निकाला गया क्रिकेट बॉल से भी बड़ा फंगस

बिहार के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान से ब्लैक फंगस का बेहद ही चौकाने वाला मामला सामने आया है। ब्लैक फंगस नाक से प्रवेश कर आंखों व साइनस को अधिक प्रभावित करते हुए सीधे मस्तिष्क में पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लैक फंगस के मस्तिष्क में पहुँचने का यह पहला मामला सामने आया है। हालांकि, संस्थान के विशेषज्ञों ने मस्तिष्क की कठिन सर्जरी को सफलता पूर्वक अंजाम देते हुए क्रिकेट बॉल के बराबर फंगस इंफेक्शन को निकाल दिया।

संस्थान के चिकित्साधीक्षक डा मनीष मंडल ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि सामान्यत: नाक से प्रवेश करने के बाद ब्लैक फंगस का संक्रमण आंखों को क्षतिग्रस्त करता है लेकिन जमुई निवासी 60 वर्षीय अनिल कुमार के मामले में संक्रमण नाक से सीधे मस्तिष्क में पहुंच गया। इससे आंखों को कोई क्षति नहीं हुई है।

न्यूरो सर्जरी विभाग के डा ब्रजेश कुमार ने बताया कि पिछले 15 दिनों से अनिल कुमार को मिर्गी जैसे दौरे पड़ रहे थे। वह बार-बार बेहोश हो रहे थे और उनकी स्थिति गंभीर होती जा रही थी। पहले वह घर पर ही इसका इलाज करा रहे थे। जब परिजन उन्हें आइजीआइएमएस लेकर आए तो जांच में पाया गया कि ब्लैक फंगस का संक्रमण मस्तिष्क तक पहुंच गया है। इसके बाद निर्णय लिया गया कि उनकी सर्जरी जल्द से जल्द की जाए। तीन घंटे चली सर्जरी में मस्तिष्क से क्रिकेट के बॉल से बड़े आकार का ब्लैक फंगस निकाला गया है। आंखों को क्षतिग्रस्त किए बिना ब्रेन में फंगस का जाल बनने के कारण ही मरीज को मिर्गी आ रही थी। फंगस और 100 मिलीग्राम से अधिक मवाद निकालने के बाद डाक्टरों ने मरीज को खतरे से बाहर बताया है ।

डा ब्रजेश कुमार ने बताया कि सर्जरी जटिल थी। फंगस के पूरे जाल को निकालना किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन हमारी टीम ने तीन घंटे की अथक मशक्कत कर इसे कर दिखाया।