बिहार के इन युवाओं ने बढ़ाई परिवार की राजनीतिक विरासत, जीता चुनाव

बिहार में कांटे की टक्कर के बीच नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 243 में से 125 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा (122) पार कर लिया। राज्य में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। नीतीश कुमार बिहार के सीएम के तौर पर सातवीं बार शपथ लेंगे। बिहार विधानसभा का चुनाव इस बार कई मायनों में अनोखा और खास रहा है। बिहार में इस बार कई नेताओं के पुत्र-पुत्रियों को विभिन्न दलों से टिकट मिला था, जिनमें से कुछ की जहां विधानसभा में एंट्री हुई है तो कुछ को मुंह की भी खानी पड़ी है। इस चुनाव में कई ऐसे दिग्गज नेता हैं, जिनकी संतानों को हार का सामना करना पड़ा है, तो वहीं कुछ ऐसे भी चेहरे हैं, जिनकी विरासत को उनके पुत्र और पुत्रियों ने आगे बढ़ाया है।

चेतन आनंद

शिवहर विधानसभा सीट (Sheohar Assembly) पर राजद (RJD) प्रत्याशी चेतन आनंद (Chetan Anand) ने कब्जा जमा लिया है। महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी चेतन आनंद ने 72 हजार 818 मत प्राप्त कर निकटतम प्रतिद्वंदी सह निवर्तमान विधायक व जदयू प्रत्याशी मो। शरफुद्दीन को 35 हजार 461 मतों के भारी अंतर से शिकस्त देने में कामयाबी पाई। चेतन आनंद के पिता आनंद मोहन और मां लवली आनंद दोनों बिहार के राजनीति से जुड़े हैं और सांसद रह चुके हैं। इस बार के चुनाव में लवली आनंद और चेतन दोनों मैदान में थे। दोनों को राजद ने टिकट दिया था। लवली आनंद भले ही सहरसा से हार गई हों लेकिन चेतन ने राजद उम्मीदवार के तौर पर शिवहर से जीत हासिल की है।

श्रेयसी सिंह

कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल विजेता और स्टार शूटर श्रेयसी सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव में जमुई सीट पर भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। पहली बार चुनाव लड़ रही श्रेयसी ने इस सीट पर वर्तमान राजद विधायक विजय प्रकाश को मात दी है। श्रेयसी सिंह ने इस सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी प्रकाश को 41 हजार से अधिक मतों से हराया है। श्रेयसी को 79,156 मत प्राप्त हुए जबकि प्रकाश को 38,147 वोट प्राप्त हुए। 27 वर्षीय श्रेयशी सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी हैं जो कभी नीतीश कुमार के सहयोगी रहे थे, लेकिन बाद में राहें अलग कर ली थी। श्रेयसी की मां पुतुल कुमारी ने 2014 के चुनाव में बांका सीट से लोकसभा चुनाव जीता था।

ऋषि कुमार

बिहार की ओबरा विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी जंग काफी रोचक रही। इस सीट पर महागठबंधन की ओर से आरजेडी और एनडीए खेमे से जेडीयू के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला। हालांकि, चुनावी मैदान मे आरजेडी के ऋषि कुमार का जलवा बरकरार रहा। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी एलजेपी उम्मीदवार प्रकाश चंद्रा को 22668 वोटों से मात देते हुए जीत हासिल की। ऋषि के परिवार का भी राजनीति से पुराना नाता है। उनकी मां कांति सिंह केंद्रीय मंत्री थीं और लालू परिवार की काफी करीबी मानी जाती हैं। कांति के बेटे ऋषि इस बार ओबरा क्षेत्र से चुनाव लड़े और उन्होंने जीत भी दर्ज की।

राहुल तिवारी

राजद के चाणक्य कहे जाने वाले शिवानंद तिवारी के पुत्र मंटू तिवारी ने इस बार भी बिहार चुनाव में जीत हासिल की है। मंटू तिवारी को बिहार के भोजपुर जिले की शाहपुर सीट से जीत मिली है। उनके पिता और दादा दोनों बिहार की राजनीति के कद्दावर नेता माने जाते हैं।

सुधाकर सिंह

बिहार में राजद के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह ने भी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की हैं। रामगढ़ विधानसभा से राजद के सुधाकर सिंह 187 वोट से जीत हासिल की है। उनके पिता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं जो रामगढ़ सीट से 5 बार विधायक रहे हैं। इस बार के चुनाव में राजद के टिकट से सुधाकर ने अपने पिता की परंपरागत सीट रामगढ़ से जीत हासिल की है।