फेज-3 ट्रायल का फाइनल डेटा जारी, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65.2% सुरक्षा देती है कोवैक्सीन

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन कोविड-19 (Covid-19) के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ 65.2% सुरक्षा देती है। भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल का अंतिम विश्लेषण डेटा शनिवार को जारी किया है जिसमें दावा किया है कि कोरोना की अन्य वैक्सीन की तुलना में इस कोवैक्सीन में हानिकारक प्रभावों को कम देखा गया है। कंपनी ने बताया है कि कोवैक्सीन कोविड-19 के लक्षणों वाले गंभीर मामलों पर 93.4% असरदार है। जबकि, 130 मामलों के मूल्यांकन जरिए कंपनी ने पाया कि वैक्सीन 77.8% असरदार है। इनमें से 24 मामलों को वैक्सीन और 106 को प्लेसबो समूह में शामिल किया गया था।

बता दे, भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर तैयार किया है।

कंपनी की तरफ से जारी डेटा में बताया गया है कि वैक्सीन बगैर लक्षणों वाले कोविड-19 के मामलों पर 63.6% असरदार है। वहीं, SARS-CoV-2 के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) के खिलाफ वैक्सीन ने 65.2% सुरक्षा देती है। कंपनी ने अन्य वैक्सीन की तुलना में कोवैक्सीन के ज्यादा सुरक्षित होने का दावा किया है। कोवैक्सीन ले चुके लोगों के ब्लड सीरम से मिले एंटीबॉडी की जांच में पाया गया कि कोवैक्सीन द्वारा तैयार किए गए एंटीबॉडी अल्फा और बीटा वायरस को न्यूट्रलाइज करने की क्षमता बखूबी रखते हैं।

12% लोगों में आम साइड इफेक्ट्स देखे गए

सेफ्टी एनालिसिस का डेटा बताता है कि 12% लोगों में आम साइड इफेक्ट्स देखे गए। साथ ही गंभीर दुष्प्रभाव वाले मामले 0.5% से कम थे। कंपनी ने देशभर में 25 अलग-अलग स्थानों पर कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल किए थे। कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि डेटा सेफ्टी मॉनीटरिंग बोर्ड को वैक्सीन की सुरक्षा से जुड़ी कोई भी परेशानी नहीं मिली।

भारत बायोटेक का कहना है कि कोवैक्सीन पहली ऐसी वैक्सीन है, जिसने qPCR टेस्टिंग के आधार पर बगैर लक्षणों वाले संक्रमण के खिलाफ बेहतर नतीजे दिए हैं। मार्च में जारी फेज-3 ट्रायल के अंतरिम नतीजों में बताया गया था कि वैक्सीन कोरोना संक्रमण से बचाने में 81% असरदार है। फिलहाल, कंपनी विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी यूसेज लिस्टिंग में शामिल होने की कोशिशों में हैं। 23 जून को प्री-सब्मिशन मीटिंग आयोजित हुई थी।

भारत बायोटेक ने कुछ दिनों पहले कहा था कि इस समय कोवैक्सिन के प्रभाव और सुरक्षा को लेकर किए गए तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण एवं संकलन किया जा रहा है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि इसकी शुद्धता से कोई समझौता नहीं किया जाए।