भारत बंद / मोदी सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का हल्लाबोल, 18 राजनीतिक दलों का समर्थन

केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि बिल का देश के कई राजनीतिक दल और किसान संगठन विरोध कर रहे हैं। इन्हीं बिलों के विरोध में काफी दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं और आज दर्जनों संगठनों ने भारत बंद बुलाया है। कृषि बिल के विरोध में 25 सितंबर को बुलाया गया भारत बंद कई संगठनों के द्वारा बुलाया गया है। लेकिन इसकी अगुवाई ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी, ऑल इंडिया किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन कर रहे हैं। इस बंद के समर्थन में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, लेफ्ट, टीएमसी, डीएमके, टीआरएस समेत कुल 18 राजनीतिक दलों ने अपनी आवाज़ उठाई है। इनके अलावा CITU, AITUC, हिन्द मज़दूर सभा समेत कुल दस केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने भी अपना समर्थन बंद को दिया है। भारत बंद के दौरान दिल्ली से लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में किसान सड़क पर उतरेंगे और बिल को वापस लेने की मांग करेंगे।

कृषि बिलों पर आज किसानों द्वारा देशव्यापी विरोध के मद्देनजर लुधियाना में लाडोवाल टोल प्लाजा के आसपास पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। एसएचओ लाडोवाल ने कहा कि 'अतिरिक्त बल तैनात किए गए। किसान नेताओं ने हमें आश्वासन दिया है कि विरोध शांतिपूर्ण होगा।'

भारत बंद में क्या होगा?

किसानों की ओर से अभी भी कई जगह रेल रोको और रास्ता रोको का अभियान चलाया जा रहा है, जो भारत बंद के दौरान व्यापक स्तर पर हो सकता है। ऐसे में इनका असर खासकर उत्तर भारत और उन राज्यों में दिखेगा जहां किसानों की मौजूदगी अधिक है।

आज और क्या होगा ?

- समाजवादी पार्टी जिले और प्रदेश स्तर पर ज्ञापन सौंपेगी।
- बिहार में तेजस्वी यादव किसानों के साथ मार्च करेंगे।
- बीजेपी की ओर से जनजागरण अभियान चलाया जाएगा, जो 15 दिन तक चलेगा।

किस राज्य में क्या होगा?

पंजाब और हरियाणा

इन दो राज्यों में इस बिल का व्यापक तौर पर विरोध हो रहा है। कई बार यहां किसानों पर लाठीचार्ज भी हुआ है। किसानों के द्वारा यहां रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने प्रदर्शनकारियों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है। साथ ही आज धारा 144 के उल्लंघन पर कोई FIR दर्ज नहीं होगी। पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठनों ने हाथ मिलाया है । हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत कई संगठनों ने कहा है कि उन्होंने विधेयकों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है।

हरियाणा भाकियू के प्रमुख गुरनाम सिंह ने कहा कि उनके संगठन के अलावा कुछ अन्य किसान संगठनों ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। सिंह ने कहा, 'हमने अपील की है कि राज्य के राजमार्गों पर धरना होना चाहिए और अन्य सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध होना चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्गों पर धरना नहीं देना चाहिए।'

पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे कानून और व्यवस्था को बनाए रखें और सभी # COVID19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें।

पश्चिम बंगाल


लेफ्ट पार्टी से जुड़े ऑल इंडिया किसान सभा ने यहां पर बंद बुलाया है, इस दौरान रास्ते रोके जाएंगे। उनके अलावा कई छोटे किसान संगठन, मंडी संगठन ने बंद का समर्थन किया है।

महाराष्ट्र


ऑल इंडिया किसान सभा महाराष्ट्र में सबसे बड़े किसान ग्रुपों में से एक है। इस संगठन में तीन लाख से अधिक किसान हैं, जिन्होंने राज्य के 21 जिलों में व्यापक प्रदर्शन की बात कही है।

दिल्ली और एनसीआर

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने किसानों के बंद का समर्थन किया है। किसानों की ओर से दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर बंद करने की चेतावनी दी गई है।

उत्तर प्रदेश

यहां पर भारतीय किसान यूनियन ने गांव, कस्बे और जिला स्तर पर हाईवे जाम करने की बात कही है। BKU को कई स्थानीय ट्रेडर बॉडी और किसानों का समर्थन मिला है।

बता दे, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने भी किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है। राष्ट्रीय जनता दल ने एक बयान में कहा कि एनडीए सरकार द्वारा किसान विरोधी विधेयक पास करने के खिलाफ कल (शुक्रवार) सुबह 9 बजे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने आवास से किसानों और समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए पार्टी कार्यालय जाएंगे। यूपी में समाजवादी पार्टी ने भी कहा है कि कल सभी जिलों में डीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा। समाजवादी पार्टी कृषि एवं श्रम कानून के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर कार्यकर्ता प्रदेश भर में प्रदर्शन करेंगे।

उधर पंजाब में आम आदमी पार्टी ने पहले ही ऐलान किया है कि वह भारत बंद का समर्थन करेगी। लगभग 30 किसान संगठन भारत बंद पर सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं।