भजनलाल ने किया मंत्रिमंडल का विस्तार, 12 कैबिनेट, 10 राज्य मंत्रियों ने ली शपथ, 5 राज्य मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार

जयपुर। राजस्थान मंत्रिमंडल का विस्तार शनिवार को किया गया। राज्यपाल कलराम मिश्र ने मंत्रियों को शपथ दिलाई। भजनलाल सरकार में दो डिप्टी सीएम के अलावा 22 मंत्रियों ने शपथ ली है। इसमें 12 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। इसके साथ ही दस राज्यमंत्री बनाए गए हैं, जिसमें पांच को स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। भजनलाल मंत्रिपरिषद में बनाए गए 22 मंत्रियों में से 16 पहली बार मंत्री बने हैं। सीएम और दो डिप्टी सीएम को भी मिला लिया जाए तो 25 में से 20 पहली बार के मंत्री हैं।

सबसे पहले किरोड़ीलाल मीणा ने शपथ ली। सबसे पहले शपथ दिलाकर उन्हें सबसे सीनियर मंत्री के तौर पर जगह दी गई है। वे एसटी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। वे खरा बोलने के लिए जाने जाते हैं। संघ से जुड़े रहे हैं।

वसुंधरा राजे खेमे के गजेंद्र सिंह खींवसर ने दूसरे क्रम पर शपथ ली। गजेंद्र सिंह वसुंधरा राजे की दोनों सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। उनकी पहचान राजपूत चेहरे के रूप में भी है। भजनलाल सरकार को उनके अनुभव का फायदा मिलेगा।

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने तीसरे क्रम पर शपथ ली। केंद्र में मंत्री रहे हैं। दो बार सांसद रहे। उन्हें इस बार भाजपा ने विधानसभा के मैदान में उतारा था। वे पहली बार विधायक बने और कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। जातीय समीकरणों के हिसाब से भी राजपूत वर्ग से एक उभरते चेहरे को महत्व देने का मैसेज दिया है।

बाबूलाल खराड़ी झाड़ोल से विधायक हैं। उनकी गिनती आदिवासी इलाके के जमीनी नेता के तौर पर होती है। खराड़ी अब भी कच्चे घर में रहते हैं। पिछली बार उन्हें राजस्थान विधानसभा का सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया था।

भजनलाल सरकार में दलित चेहरे के रूप में मदन दिलावर को शामिल किया गया है। वे संघ की पसंद हैं। भैरासिंह शेखावत सरकार और वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री रह चुके हैं। हाड़ौती के सियासी समीकरण साधे गए हैं।

पटेल वोट बैंक पर नजर रखते हुए भजनलाल सरकार में हाईकोर्ट में वकील रहे जोगाराम पटेल को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश है। आंजना, पटेल बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है।

सुरेंद्र पाल सिंह टीटी श्रीकरणपुर से बीजेपी के उम्मीदवार है और अब राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बन गए हैं। चलते चुनाव के दौरान किसी को मंत्री बनाए जाने का पहला मामला है। बता दें कि श्रीकरणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत कुन्नर के निधन के बाद वहां चुनाव रद्द हो गया था, सीट पर 5 जनवरी को वोटिंग है।

पुष्कर से तीसरी बार विधायक बने सुरेश सिंह रावत ने भी मंत्री पद की शपथ ली। रावत भी संघ की पसंद माने जा रहे हैं। वे मुखर नेता माने जाते हैं। पूर्व में वे राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त संसदीय सचिव बन चुके हैं।

जैतारण विधायक अविनाश गहलोत को भी भजन लाल सरकार में मंत्री बनाया है। वे दूसरी बार के विधायक हैं। वे जमीनी नेता माने जाते हैं। वे संगठनों के कई पदों पर रह चुके हैं। वे आलाकमान की पसंद माने जाते हैं।

जोरा राम कुमावत कुशल राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। वे सुमेरपुर विधानसभा से जीते हैं। राजनीति का लंबा अनुभव है। 2018 में भी बड़ी जीत पा चुके जोराराम इस बार भी भारी मतों से जीते हैं।

हेमंत मीणा प्रतापगढ़ विधानसभा से विधायक हैं। वे पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के बेटे हैं। नंदलाल मीणा वसुंधरा राजे के समर्थक रहे हैं। भाजपा ने मंत्रिमंडल में हेमंत मीणा को शामिल कर सभी को चौंका दिया। दरअसल हेमंत मीणा पहली बार विधायक बने हैं। भजनलाल मंत्रिमंडल में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।

कैबिनेट मंत्री

—डॉ. किरोड़ी लाल मीणा

—गजेंद्र सिंह खींवसर

—राज्यवर्धन सिंह राठौड़

—बाबूलाल खराड़ी

—मदन दिलावर

—जोगाराम पटेल

—सुरेश सिंह रावत

—अविनाश गहलोत

—जोरा राम कुमावत

—हेमंत मीणा

—कन्हैया लाल चौधरी

—सुमित गोदारा

राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार


—संजय शर्मा

—गौतम कुमार दक

—झावर सिंह खर्रा

—सुरेंद्र पाल सिंह टीटी

—हीरालाल नागर

राज्यमंत्री


—ओटाराम देवासी

—डॉ मंजू बाघमार

—विजय सिंह चौधरी

—कृष्ण कुमार बिश्नोई

—जवाहर सिंह बेडम