पाकिस्तान में भी है भगतसिंह के चाहने वाले, किया जाता है उन्हें आज भी याद

भगत सिंह एक ऐसी शख्सियत थे जिनके मुख का तेज आसानी से झलकता था और आवाज में देशभक्ति का रौद्र रूप देखा जा सकता था। बहुमुखी प्रतिभा के धनी भगत सिंह आज भी युवाओं को देशप्रेम की प्रेरणा देते हैं। अपनी 23 वर्ष की छोटी सी उम्र में उन्होंने फांसी के फंदे को गले लगा लिया और देश के लिए शहीद हो गए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं जितना सम्मान भगत सिंह का भारत देश में किया जाता हैं, उतना ही सरहद पार पाकिस्तान में भी किया जाता हैं।

भगत सिंह एक ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्हें चाहने वाले जितने सरहद के इस पार मौजूद हैं तो उतने ही सरहद की दूसरी तरफ भी। पाकिस्तान में भी भगत सिंह की याद में हर साल 23 मार्च को खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भगत सिंह के जन्म बंगा नाम के जिस गांव में हुआ था, वह पाकिस्तान में ही है। सरहद पार तमाम लोग इकट्ठा होते हैं और भगत सिंह को याद करते हैं। भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन नाम का एक संगठन भगत सिंह की यादों को पाकिस्तान में संजोने का काम कई सालों से करता आ रहा है।

एक संगठन के अध्यक्षबताते है कि "भगत सिंह की पाकिस्तान में बहुत इज्जत है। यहां उनके बहुत दीवाने हैं। उनके पिता, दादा का बनाया हुआ घर आज भी पाकिस्तान में मौजूद है। उनके दादा अर्जुन सिंह ने 120 साल पहले जो आम का पेड़ लगाया था, वो आज भी मौजूद है। उनके गांव का नाम बदल कर भगतपुरा रख दिया गया है। हर साल 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहीदी दिवस मनाया जाता है।"