इस्तीफा देने से पहले विधायकों की बैठक के दौरान नीतीश के पास आया PM मोदी का फोन, उसके बाद पहुँचे राजभवन

पटना। जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार के बिहार में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के पहले उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन लगाया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान उन्हें बधाई दी। दरअसल, नीतीश कुमार ने रविवार 28 जनवरी, 2024 को इस्तीफा देने के साथ वर्ष 2022 से चल रहे जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन को समाप्त कर दिया। PM नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने के बाद नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल से उस सरकार को समाप्त करने आग्रह किया।

उधर नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद पटना में प्रधानमंत्री मोदी के साथ नीतीश कुमार के पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सीएम आवास में जदयू विधायक दल की बैठक हुई जिसमें नीतीश कुमार को सभी प्रकार का निर्णय लेने के लिए एकमत से अधिकृत कर दिया गया था। उसके बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। पता चला है कि विधायकों की बैठक के दौरान ही नीतीश कुमार को पीएमओ से फोन आया। बिना देरी किए नीतीश ने फोन ले लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर नीतीश कुमार से बात की और उन्हें बिहार की नई सरकार के लिए अग्रिम बधाई दी।

26 जनवरी को ही मिल गए थे इस्तीफे का संकेत

नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ ही रविवार को भाजपा के सभी विधायकों और प्रमुख नेताओं की बैठक हुई जिसमें जदयू को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का निर्णय लिया गया है। हालांकि इसके संकेत पहले से ही मिल रहे थे. 26 जनवरी को राजभवन में हाई टी पार्टी के दौरान नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस तरीके से एक दूसरे से हंस-हंसकर बात करते देखे गए उसने बहुत कुछ साफ कर दिया। शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकारी दौरे पर बक्सर गए थे जहां केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने बाजे गाजे के साथ उनका स्वागत किया था। दोनों ने एक साथ पूजा कर एक बार फिर सियासत के सफर पर साथ चलने के संकेत दे दिए थे।

गठबंधन में काम करने में हो रही थी परेशानी

राज्यपाल को इस्तीफा सौंप कर निकले नीतीश कुमार ने मीडिया कर्मियों से बात की। उन्होंने साफ कहा कि डेढ़ साल पहले उनके गठबंधन के साथ सरकार बनाए, लेकिन सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। उन लोगों के साथ काम करने में परेशानी हो रही थी। बहुत मेहनत करके इंडिया गठबंधन बनाया, सबको एकजुट करने में काफी काम किया लेकिन उन्हें छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। माना जा रहा है कि शाम तक सब कुछ तय हो जाएगा और भाजपा के सहयोग से नीतीश कुमार नौवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेंगे।