यात्री नहीं पहुंचे, बर्फबारी भी खूब हुई, लेकिन फिर भी आधे से ज्यादा पिघल चुके हैं बाबा बर्फानी

बाबा बर्फानी के भक्तों को बड़ा झटका लगा है। देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है। मंगलवार को श्राइन बोर्ड, लोकल एडमिनिस्ट्रेशन, सीआरपीएफ-पुलिस और लेफ्टिनेंट गवर्नर के बीच हुई अहम बैठक में यात्रा रद्द कराने का फैसला लिया गया। 5 जुलाई को जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गर्वनर जीसी मुरमू ने पवित्र गुफा में प्रथम दर्शन किए थे। उनका कहना था कि कोरोना के चलते जो हालात हैं, उनमें यात्रा करवाना मुश्किल है।

बता दें कि इससे पहले अमरनाथ यात्रा 23 जून और उसके बाद 21 जुलाई से शुरू होने की बात कही गई थी, लेकिन अब यात्रा को रद्द करने का औपचारिक ऐलान हो चुका है। इससे पहले यात्रा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी। याचिका अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि अमरनाथ यात्रा में सालाना 10 लाख से ज्यादा भक्त पहुंचते हैं। इतनी संख्या में लोगों के आने से कोरोना फैलने का खतरा बना रहेगा। श्राइन बोर्ड ने कहा कि हम लाखों भक्तों की भावनाओं के बारे में जानते हैं और उनका सम्मान करते हैं। बोर्ड सुबह और शाम की आरती का लाइव टेलीकास्ट जारी रखेगा। इसके अलावा पारंपरिक अनुष्ठानों को भी पहले की तरह जारी रखा जाएगा।

आधे से ज्यादा पिघला शिवलिंग

इसी बीच, बाबा बर्फानी का हिम शिवलिंग आधे से ज्यादा पिघल चुका हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 18 जुलाई को अमरनाथ दर्शन के लिए गए थे। उस दिन जो तस्वीरें सामने आई थीं, उनमें बाबा बर्फानी के शिवलिंग का ज्यादातर हिस्सा पिघला नजर आया था। यदि यात्रा होती तो वह रक्षाबंधन यानी 3 अगस्त तक चलती। और ये पहली बार नहीं है जब रक्षाबंधन से पहले ही शिवलिंग पिघल गया है। पिछले कई सालों में जुलाई के 15 दिन बीतते-बीतते शिवलिंग पिघल जाता रहा है। हालांकि, इसका कारण यात्रियों की भीड़ को बताया जाता था। इस बार अमरनाथ में यात्रियों की भीड़ नहीं है और सर्दियों में बर्फबारी भी ज्यादा हुई है। बावजूद इसके अमरनाथ बाबा का शिवलिंग जल्दी पिघल गया है।