2 अक्टूबर विशेष : पिंजरे में कैद बापू

2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में जन्मे महात्मा गांधी को सभी जानते हैं। और उनकी महत्ता को देखते हुए ही उन्हें 'राष्ट्रपिता' का दर्जा प्राप्त हुआ हैं। महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया और कई आन्दोलनों का आगाज किया। देश आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। लेकिन यूपी के बरेली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पिंजरे में कैद हैं तो कही किसी पार्क में उनकी प्रतिमा की दुर्दशा हो रही है। बरेली कॉलेज में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को पिंजरे में कैद करके ताले से बंद कर दिया गया है। महात्मा गांधी की प्रतिमा को पिंजरे के अंदर कैद कर कई वर्षों पहले से रखा गया था, जिसको लेकर छात्र नेता अपना विरोधी प्रकट करते रहते हैं।

हालांकि बरेली कॉलेज के प्राचार्य डॉ अजय कुमार शर्मा का कहना है की देश को आजाद कराने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को इसलिए पिंजरे में कैद किया गया है ताकि कोई शरारती तत्व उनकी मूर्ति को नुकसान न पहुंचा सके और पंक्षी उन पर बीट न कर सके। गांधी जयंती के अवसर पर बरेली कॉलेज में पिंजरे में कैद गांधी जी की प्रतिमा को देख कर छात्र नेता विशाल यादव आक्रोशित हैं और जल्द पिंजड़े से आजाद करने की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अलावा कई और महापुरुषों की प्रतिमाओं को पिंजरे में कैद कर ताला लगा दिया गया है।

महात्मा गांधी के उल्लेखनीय जिनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।

* अछूतोद्धार, सर्वधर्म-समन्वय और विशेष कर हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रचार।
* गांधीजी के जीवन के प्रमुख सत्याग्रह- बिहार का नील सत्याग्रह, डांडी यात्रा या नमक सत्याग्रह, खेड़ा का किसान सत्याग्रह।
* विदेशी-बहिष्कार को प्रमुखता, विदेशी माल का दाह, मद्य निषेध के लिए धरने का आयोजन।
* गांधीजी की चेतावनी- अंग्रेजों भारत छोड़ो।
* भारतवासियों को ललकार- 'करो या मरो'।
* स्वदेशी प्रचार के लिए- नवजीवन और यंग इण्डिया जैसे पत्र, चर्खे और खादी को महत्व।
* नेशनल इण्डियन कांग्रेस की स्थापना।
* स्वतंत्रता दिलाने वाले प्रयासों के दौरान कई बार जेलयात्रा।
* पहली बार सत्याग्रह के शस्त्र का प्रयोग किया और विजय भी पाई।
* कई बार महीने-महीने भर तक का उपवास।