भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) Reserver Bank of India की सख्ती के चलते देश भर के करोड़ों लोगों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड Debit-Credit Card बंद हो जाएंगे। केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों का पालन प्रत्येक व्यक्ति को करना होगा। बैंक भी ऐसे लोंगो को मोबाइल पर मैसेज भेजकर के अपना कार्ड बदलवाने के लिए कह रहे हैं। उसके अनुसार उन्हें इस साल 31 दिसंबर 2018से पहले अपना कार्ड बदलवाना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक ने जो लोगों को कार्ड दिए हैं वो ज्यादातर मैगनेटिक स्ट्राइप Magnetic Stripe वाले हैं। ऐसे कार्ड की क्लोनिंग और फर्जीवाड़ा होने की ज्यादातर शिकायतें बैंकों के पास आती हैं। वहीं अब बैंक ईएमवी (यूरोपे, मास्टरकार्ड, वीसा) चिप कार्ड जनवरी 2016 से जारी कर रहे हैं। RBI की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि जून 2018 तक देश में 94.4 करोड़ एटीएम कार्ड (डेबिट कार्ड) जारी हुए। इसमें कुल 3.94 करोड़ कार्ड एक्टिव है।
क्या है मामलाआरबीआई ने बैंकिंग ग्राहकों के एटीएम-डेबिट व क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स सिक्योर रहें, इसलिए यह कदम उठाया है, क्योंकि नए EMV कार्ड ज्यादा सुरक्षित है, और उनसे फ्रॉड करना आसान नहीं है। आपको बता दें कि मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड पुरानी टेक्नोलॉजी है, और इस तरह के कार्ड बनना बंद हो चुके हैं। इसकी वजह है इनका कम सिक्योर होना है।
मुफ्त में बदलेगा कार्डकेंद्रीय बैंक ने अपने दिशा-निर्देश में सभी बैंकों से कहा है कि कार्ड को बदलने का खर्च उनको ही वहन करना होगा। इसके लिए बैंक किसी तरह की कोई भी राशि ग्राहकों से नहीं लेंगे। ईएमवी कार्ड में क्लोनिंग का खतरा नहीं रहता है। इन कार्ड में डाटा इनक्रिप्शन बहुत मजबूत है तथा स्टोरेज क्षमता भी पहले से काफी अच्छी है।
एसबीआई ने जारी किया आदेशएसबीआई के मुताबिक, पुराने कार्ड के बदले ग्राहकों को ईएमवी चिप वाला डेबिट कार्ड लेना होगा। इसके लिए साल 2018 की डेडलाइन तय की गई है। अगर ग्राहक डेडलाइन से पहले ऐसा नहीं करेंगे तो डेडलाइन खत्म होने के बाद वह एटीएम से ट्रांजेक्शन नहीं कर सकेंगे, क्योंकि ये एटीएम मशीनें पुराने कार्ड को स्वीकार नहीं करेंगी।
एसबीआई ने यह भी बताया कि एटीएम कार्ड का कनवर्जन प्रोसेस में किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा और यह बिल्कुल मुफ्त होगा। एसबीआई का हाल ही में 6 अन्य बैंकों के साथ मर्जर हुआ है और बैंक के ग्राहकों की संख्यां में बड़ा इजाफा हुआ है। ऐसे में इस कदम का असर करोड़ों बैंक ग्राहकों पर पड़ेगा।