मायके में फंस गई थी महिला, अब ससुराल जाने के उठाया ये कदम

लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग राज्यों में फंसे लोग अपने घरों को जाने के लिए तरह-तरह के साधनों का इस्तेमाल कर रहे है। कुछ लोग पैदल निकले तो कुछ बैलगाड़ी या ट्रकों की छत सवार हो गए। ऐसे में बालाघाट के हट्टा गांव से एक महिला ने बड़ा साहस दिखाते हुए अपने स्व. पिता की मोपेड से 500 किमी दूर ससुराल टीकमगढ़ जाने का फैसला लिया। महिला ने बालाघाट से टीकमगढ़ तक जाने के लिए मप्र सरकार से ई-पास जारी करने के लिए वेबसाइट पर आवेदन किया था। लेकिन, स्टेटस पेंडिंग होने से महिला कल बिना अनुमति के ही बालाघाट से निकली। टीकमगढ़ के बोधिर गांव की रहने वाली द्रोपदी पति रामप्रसाद राय यहां से अपने 8 साल के बेटे के साथ निकलीं। रास्ते में लालबर्रा के पास चेक पोस्ट पर महिला को अनुमति नहीं होने के कारण लौटा दिया गया। इसके बाद उसने दोबारा ई-पास एप्लाई किया और अनुमति के साथ अपने घर के लिए निकल गई।

द्रौपदी ने बताया कि वह 30 जनवरी को पिता की तेरहवीं में बालाघाट आई थी। उसका बेटा यहीं नाना-नानी के यहां रहकर पढ़ता है। मार्च में उसकी परीक्षा थी। जिसके कारण वह यहां मार्च तक रुक गई थी। इस दौरान कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह लॉकडाउन (Lockdown) हो गया। वापस घर लौटने के लिए कोई साधन शुरू नहीं हुआ। इसके बाद उसने अपने स्व। पिता की ही मोपेड से घर टीकमगढ़ जाने का फैसला किया।