'मां तुझे सलाम' थीम पर सजा कोलकाता का ये दुर्गा पूजा पंडाल, 75 सालों में जारी हुए सिक्कों की दिखी विशाल प्रदर्शनी

कोलकाता की दुर्गापूजा दुनियाभर में मशहूर है। पश्चिम बंगाल की राजधानी में यह पर्व कुछ अलग अंदाज में मनाया जाता है। जहां हर साल अलग-अलग थीम पर दुर्गा पूजा पंडाल तैयार किए जाते है। इस साल बाबूबगान दुर्गा पूजा पंडाल ने 'आजादी का अमृत महोत्सव' थीम को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। जिसमें श-दुनिया में कभी चलन में रहे पुराने, दुर्लभ और ऐतिहासिक सिक्कों की विशाल प्रदर्शनी लगाई गई है।

बाबूबगान सरबजनीन दुर्गा पूजा आयोजन समिति इस बार अपनी दुर्गा पूजा के 61वें साल में प्रवेश कर चुकी है। यहां पंडाल से लेकर दुर्गा प्रतिमा तक सब कुछ सिक्कों से सजाया गया है। बाबूबगान सरबजनिन दुर्गोत्सव पूजा पंडाल में इस साल की थीम 'मां तुझे सलाम' रखी गई है।

इस पंडाल में सुजाता गुप्ता की कलात्मक दृष्टि को साकार करते हुए और देश की आजादी के 75 साल पूरे होने की खुशनुमा यादों के माहौल में मां दुर्गा का स्वागत करते हुए देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। इस पूजा पंडाल की थीम 'मां तुझे सलाम' के जरिए स्वतंत्रता सेनानियों और महान हस्तियों को दर्शाया गया है।

इस पंडाल में एंट्री लेते ही कोई भी यहां पर देश की प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति भी महसूस कर सकता है, जिन्होंने देश की आजादी में अपना अनमोल योगदान दिया। ये सभी वो महान लोग थे जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखने के साथ विभिन्न भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों को आकार दिया।

इस पंडाल में एंट्री लेते ही कोई भी यहां पर देश की प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति भी महसूस कर सकता है, जिन्होंने देश की आजादी में अपना अनमोल योगदान दिया। ये सभी वो महान लोग थे जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखने के साथ विभिन्न भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों को आकार दिया।

पूजा समिति की कोषाध्यक्ष प्रो सुजाता गुप्ता ने इस बार के आयोजन की जानकारी देते हुए कहा कि दुर्गा मां' और 'भारत माता' यहां दोनों की मौजूदगी का अहसास होता है। उन्होंने यह भी कहा कि 1947 से आज तक, महत्वपूर्ण अवसरों पर कई स्मारक सिक्के जारी किए गए हैं। हमने ऐसे सिक्के एकत्र किए हैं और उनसे पंडाल को सजाया है। उन्होंने बताया कि सिक्कों पर दुर्गा मां की मूर्तियों बनी हैं। इसके अलावा, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद और अन्य जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिकृतियां सिक्कों पर मौजूद हैं।

दुर्गा पूजा कमेटी की थीम मेकर और कोषाध्यक्ष प्रोफेसर गुप्ता ने आगे कहा, 'सिक्के इकट्ठा करना मेरा शौक है, मेरे पति भी सिक्के एकत्र करते थे। हमारे पास ऐसे कई पुराने सिक्के थे जो आज के जमाने में चलन में नहीं हैं। इसलिए हमने इस पंडाल के जरिए आने वाली पीढ़ी को एक संदेश देने का विचार किया। इसके साथ ही वो सभी लोग चाहे बुजुर्ग हों या बच्चे जिन्होंने ऐसे सिक्कों को नहीं देखा वो एक ही छत के नीचे देश की एतिहासिक विरासत को देख सकेंगे।'