अमेरिका के वर्जीनिया बीच शहर में शुक्रवार शाम एक सनकी शख्स ने अंधाधुंध फायरिंग की। घटना नगरपालिक के कार्यालय में हुई। इस फायरिंग में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 जख्मी हैं। पुलिस ने जवाबी गोलीबारी में हमलावर को मार गिराया। फायरिंग में एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है। फिलहाल, घटना के पीछे का मकसद साफ नहीं हो पाया है। एफबीआई के अधिकारी भी जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि वह शहर के एक सरकारी दफ्तर में नौकरी करता था। गन वायलेंस को लेकर काम कर रही वॉशिंगटन की संस्था के मुताबिक, अमेरिका में इस साल मास शूटिंग की 150 घटनाएं हो चुकी हैं।
वर्जीनिया के पुलिस चीफ जेम्स सर्वेरा ने बताया कि हमलावर स्थानीय समयानुसार शाम करीब 5 बजे नगरपालिका दफ्तर में घुसा और अचानक उसने कर्मचारियों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। गोलीबारी की चश्मदीद कर्मचारी मेगन ने बताया कि जैसे ही दफ्तर में फायरिंग शुरू हुई। मैं 20 साथियों के साथ मेज के नीचे छिप गई। हमने तुरंत इमरजेंसी नंबर पर कॉल किया, पुलिस के आने तक कई बार गोलियां चलने की आवाज सुनाई देती रही।
राज्य के गवर्नर राल्फ नॉर्थम ने कहा कि उनकी टीम हालात पर नजर बनाई हुई है। शुरूआती जांच के बाद पुलिस का मानना है कि आरोपी इस घटना में अकेला ही था। घटना के बाद आसपास की सभी इमारतों को खाली करवा लिया गया है।
मेयर बोले- मारे गए लोग मेरे दोस्त थेवर्जीनिया बीच के मेयर बॉबी डेर ने कहा कि यह शहर के इतिहास का सबसे विनाशकारी दिन है। घटना में जो लोग मारे गए या जख्मी हुए वे सभी हमारे दोस्त और सह-कर्मचारी हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी शूटिंग की घटना पर नजर रख रहे हैं।
इस घटना के बाद एक बार फिर अमेरिका में बंदूक नियंत्रण की मांग जोर पकड़ सकती है। यहां लोगों के लिए बंदूक हासिल करना और साथ में रखना सामान्य बात हो गई है, जिसके कारण स्कूलों में भी अक्सर गोलबारी की खबरें आती रही हैं। इस संबंध में वर्जीनिया बीच के उप मेयर जेम्स वुड ने कहा कि लोग सार्वजनिक इमारतों में तो बंदूक लेकर जा सकते हैं, पर स्कूलों में कोर्ट में इसकी अनुमति नहीं है।