नई दिल्ली। जनता दल (यूनाइटेड) ने शनिवार को दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की, जिसमें पार्टी सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग की।
बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग इस समय महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा केंद्र में सत्ता बनाए रखने के लिए कुमार की जेडी(यू) के समर्थन पर निर्भर है, जिसके पास नवनिर्वाचित लोकसभा में 12 सीटें हैं।
बता दें कि यह बैठक नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित की गई थी जिसमें संजय झा को जेडीयू का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाने का फैसला किया गया है।
बैठक की अध्यक्षता नीतीश कुमार ने की और इसमें कई अहम फैसले लिए गए तथा कई मांगें सामने आईं। इस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों और जेडीयू नेताओं समेत पार्टी के सभी सांसदों ने हिस्सा लिया। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय झा को जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया।
जेडीयू की इस बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि बिहार को लंबे समय से विशेष राज्य के दर्जे का इंतजार है। राज्य के आर्थिक विकास के लिए यह बेहद जरूरी हो गया है। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए एक सीनियर जेडीयू नेता ने कहा, बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कोई नई बात नहीं है। बिहार की चुनौतियों से निपटने और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए यह मांग लंबे समय से की जाती रही है।
जेडीयू कार्यकारिणी की इस बैठक में नीतीश कुमार के अलावा केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, केसी त्यागी, विजय कुमार चौधरी, देवेश चंद्र ठाकुर समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
जेडीयू के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने केंद्र सरकार से बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगने का संकल्प लिया है, जो लंबे समय से मांग रही है। बैठक के दौरान पेश किए गए राजनीतिक प्रस्ताव में इस मांग को दोहराया गया। राज्य के लिए विशेष वित्तीय पैकेज की भी मांग की जा सकती है।
पिछले साल बिहार कैबिनेट ने राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत बिहार के राजनेता लंबे समय से राज्य के आर्थिक पिछड़ेपन का हवाला देते हुए विशेष श्रेणी के दर्जे की वकालत करते रहे हैं। यह दर्जा मिलने से केंद्र से कर राजस्व में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ेगी।
इसके अतिरिक्त, जेडी(यू) ने मांग की है कि केंद्र सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए बढ़ाए गए आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करे, जबकि पटना उच्च न्यायालय ने राज्य के पहले जाति सर्वेक्षण के आधार पर पिछड़े वर्गों को 65 प्रतिशत कोटा देने के बिहार सरकार के फैसले को खारिज कर दिया है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया और उनके मार्गदर्शन में आगामी विधानसभा चुनावों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। बिहार में अक्टूबर 2025 में 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान होने की उम्मीद है। पार्टी 2024 के झारखंड चुनावों में उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है और मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
कार्यकारिणी ने केन्द्र और राज्य सरकारों के मंत्रियों द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद बनाए रखने तथा यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया कि उनके कार्यक्रमों की जानकारी बूथ स्तर तक पहुंचे।
राजनीतिक प्रस्ताव में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए नीतीश
कुमार को बधाई दी गई। बैठक में लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की जीत के लिए प्रधानमंत्री मोदी को भी बधाई दी गई।
बैठक में पार्टी के संगठन को मजबूत करने और आगामी चुनावों की तैयारी के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, जिसमें बिहार के विकास और पार्टी की राष्ट्रीय उपस्थिति पर ध्यान केंद्रित किया गया।