असम में अतिक्रमण पर हिंसक झड़प, पुलिस की गोली और फोटोग्राफर ने शव पर चलाए लात-घूंसे; जानिए कैसे मचा बवाल

असम के दरांग जिले में गुरुवार को कब्जा हटाने गई पुलिस और लोगों के बिच हिंसक झड़प हुई। इस हिंसक झड़प दो लोगों की मौत और 9 पुलिसकर्मी घायल हुए है। इस झड़प के वीडियो भी सामने आए हैं। इसमें भारी संख्या में पुलिसवाले मौजूद हैं। इस घटना के बाद एक फोटोग्राफर का भी वीडियो वायरल हो रहा है जहां वो कूदकर-कूदकर दोनों पैरों से शव की छाती और चेहरे पर हमला कर रहा है। अब उस फोटोग्राफर की पहचान और गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन असम इस घटना के बाद से उबाल मार रहा है। घटना में दो ग्रामीण भी घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं। बताया जा रहा है कि एसपी सुशांत बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के सगे भाई हैं।

दरांग में हुआ क्या था?

असम के दरांग जिले में गुरुवार को पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। पुलिस के मुताबिक वहां पर ये लोग अतिक्रमण करने आए थे। ऐसे में पुलिस को उस अतिक्रमण को हटाने का आदेश था। लेकिन उस कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस पर ही हमला कर दिया। उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। इसके बाद पुलिस ने भी गोली चला दी और दो लोगों ने अपनी जान गंवा दी।

दरअसल, राज्य में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने यहां से अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया था। सरकार का कहना है कि इस जमीन का उपयोग कृषि परियोजना के लिए किया जाएगा। वहीं स्थानीय मीडिया का कहना है कि, गांव की 120 बीघा जमीन को खाली कराया गया था, जो कथित तौर पर प्राचीन शिव मंदिर से जुड़ी थी। इस गांव में ज्यादातर पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान रहते हैं। असम सरकार अवैध जमीन पर कब्जा हटाने को लेकर नई सरकार बनने के बाद यानी जून से ही अभियान छेड़े हुए है।

20 सितंबर को इसी के तहत दरांग जिले के सिपाझार में प्रशासन ने लगभग 4,500 बीघा जमीन से कब्जा हटाने का दावा किया है। यहां 800 परिवारों ने अवैध कब्जा जमा रखा था। खुद राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

गुरुवार को एक बार फिर प्रशासन ने करीब 200 परिवार के खिलाफ इस अभियान को शुरू किया। अतिक्रमणकारियों ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया और लाठी-डंडे से लैस होकर पुलिस पर हमला कर दिया। इसके बाद ही फायरिंग की घटना हुई।

फोटोग्राफर कौन है और केस से क्या लेना-देना?

अब दरांग के उस बवाल के बाद स्थिति सामान्य हो पाती उससे पहले एक फोटोग्राफर का वीडियो तेजी से वायरल हो गया। उस वीडियो में एक फोटोग्राफर शव के साथ बर्बरता करता दिखाई दे रहा था। वो उसके शव पर कूद रहा था, उसके सीने में लात-घूंसे मार रहा है। लेकिन अब पुलिस ने उस फोटोग्राफर को गिरफ्तार कर लिया है। उसका नाम बिजय शंकर बनिया है जो दरांग में जिला कमिश्नर के ऑफिस में काम कर रहा है।

असम बवाल पर जमकर राजनीति

असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने कहा, 'जब से हिमंता बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री बने हैं, तब से हर काम में लगभग पुलिस को बहुत ताकत दी गई है और पुलिस भी हर स्थिति से निपटने के लिए गोलियों का सहारा ले रही है, जो नागरिकों के लिए चिंता का विषय है।'

कांग्रेस नेता ने कहा है कि कोरोना महामारी के संकट में गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अतिक्रमण के खिलाफ अभियान को रोकने का निर्देश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की मनमानी के चलते 1970 के दशक से धौलपुर में बसे लोगों से जमीन खाली करवाई जा रही है। सरकार को हटाना ही था तो पहले उनके रहने की व्यवस्था करते।

उन्होंने कहा कि पुलिस चाहती तो लोगों को पकड़ कर ले जा सकती थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि किसी को भी गोली मारो।

उन्होंने कहा, 'दरांग के एसपी मुख्यमंत्री के भाई हैं। बड़ा भाई सीएम है, छोटा भाई एसपी है तो क्या जिसे चाहेंगे उसे गोली मारेंगे। हम ऐसा नहीं होने देंगे।'

उनके अलावा राहुल गांधी ने भी इस घटना की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि असम राज्य प्रायोजित आग में जल रहा है। मैं असम में अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा हूं। भारत का कोई भी बच्चा इसके लायक नहीं है।