कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने केंद्रीय नेतृत्व से समर्थन न मिलने का हवाला देते हुए रविवार को अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को संबोधित एक पत्र में बोरा ने कहा कि पिछले दो वर्षों के प्रयासों के बावजूद पार्टी “पश्चिम बंगाल की एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में टीएमसी की धारणा” के कारण असम में चुनावी सफलता पाने में विफल रही है।
बोरा ने कहा कि इस धारणा का मुकाबला करने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं, जिनमें टॉलीगंज (पश्चिम बंगाल) में भारत रत्न भूपेन हजारिका के आवास को विरासत स्थल घोषित करना और कूचबिहार (पश्चिम बंगाल में ही) के मधुपुर सत्र को सांस्कृतिक केंद्र में परिवर्तित करना शामिल है, जहां से असम के समाज सुधारक श्रीमंत शंकरदेव ने अपना वैष्णव आंदोलन शुरू किया था।
उन्होंने अभिषेक बनर्जी को लिखे पत्र में कहा, पिछले डेढ़ साल में इन चिंताओं को दूर करने के लिए आपसे और हमारी मुख्यमंत्री ममता दी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) से मुलाकात का समय लेने के मेरे बार-बार प्रयासों के बावजूद, मैं असफल रहा हूं।
अड़सठ वर्षीय बोरा, जो पहले कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख थे, राज्य विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से दूसरी चुनावी हार के लगभग एक साल बाद अप्रैल 2022 में टीएमसी में शामिल हुए थे।
उन्होंने लिखा, असम के लोग ऐसी पार्टी को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं जिसे वे दूसरे राज्य से मानते हैं। इन चुनौतियों और उचित समाधान की कमी के मद्देनजर, मैं एक कठिन निर्णय लेने के लिए बाध्य महसूस कर रहा हूं और मैंने खुद को टीएमसी से अलग करने का फैसला किया है।
बोरा के जाने से 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले असम में टीएमसी कमजोर होगी। हालांकि उन्होंने अपने अगले कदम का संकेत नहीं दिया है, लेकिन अनुमान है कि वे भविष्य में कांग्रेस में वापस जा सकते हैं।