आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता आशुतोष ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफे की वजह निजी कारण को बताया है। आशुतोष ने ट्वीट कर इस्तीफे का ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट में पत्रकारों से कहा है कि वे इस मसले पर किसी सवाल का जवाब नहीं देंगे। आशुतोष ने कहा कि हर यात्रा का एक अंत होता है। आपके साथ यात्रा बेहद क्रांतिकारी और खूबसूरत रहा। मैं इस्तीफा देते हुए पार्टी की कार्यकारिणी परिषद से आग्रह करता हूं कि वे इसे स्वीकार करें मैंने विशुद्ध निजी कारणों से यह फैसला लिया है। इस यात्रा के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी कार्यकर्ता के प्रति आभार प्रकट करता हूं। इसके साथ ही आशुतोष ने मीडिया की कि कृपया मेरी निजता का सम्मान करें, क्योंकि मैं इस संदर्भ में किसी भी प्रकार को कोई और बयान नहीं दूंगा। खबर है कि आम आदमी पार्टी ने 53 वर्षीय आशुतोष के इस्तीफे पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। आशुतोष पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में आए थे और पिछले चार साल से पार्टी के साथ जुड़े थे। आशुतोष ने 2014 में आम आदमी पार्टी ज्वाइन किया था और चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, मगर उस चुनाव में उनकी हार हुई थी।
उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत में दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में पार्टी की तरफ से उनको प्रबल दावेदारों की सूची में गिना जाता था, लेकिन अंत में उन्हें जगह नहीं मिली। सूत्रों का कहना है कि इस घटना के बाद से ही वह पार्टी में हाशिए पर माने जा रहे थे। राज्यसभा चुनावों के मसले पर ही उसके बाद कुमार विश्वास ने बगावत कर दी थी। अब आशुतोष के इस्तीफे को उसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है।
उसके बाद हाल ही में पार्टी दिल्ली की कई लोकसभा सीटों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की थी, जिसमें भी उनका नाम नहीं था। बहरहाल आशुतोष का यूं अचानक पार्टी से इस्तीफा देना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा कि 'हर प्रतिभासम्पन्न साथी की षड्यंत्रपूर्वक निर्मम राजनैतिक हत्या के बाद एक आत्ममुग्ध असुरक्षित बौने और उसके सत्ता-पालित, 2G धन लाभित चिंटुओं को एक और “आत्मसमर्पित-क़ुरबानी” मुबारक हो! इतिहास शिशुपाल की गालियां गिन रहा है। आज़ादी मुबारक। गौरतलब है कि साल 2015 में दिल्ली में केजरीवाल सरकार के गठन के बाद आप से अलग हुये प्रमुख नेताओं की फेहरिस्त में आशुतोष, चौथा बड़ा नाम हैं। इससे पहले आप के संस्थापक सदस्य योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण और शाजिया इल्मी पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं।