आगे की रणनीति तय करने के लिए आज शाम होगी गहलोत कैबिनेट की अहम बैठक, फ्लोर टेस्ट पर हो सकती है चर्चा

राजस्थान में सत्ता को लेकर चल रही सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। गहलोत (Ashok Gehlot) बनाम पायलट (Sachin Pilot) की इस लड़ाई में लगातार नए दांव चले जा रहे हैं। स्पीकर के नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट खेमे की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गई। कोर्ट ने फैसला फिलहाल 3 दिन के लिए सुरक्षित रख लिया है। अब 24 जुलाई को फैसला आएगा। तब तक स्पीकर 19 विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकेंगे। पायलट खेमे को हाईकोर्ट से थोड़ी राहत मिलने के बाद अब गहलोत गुट रणनीति तय करने में लग गया है। इसी के मद्देनजर आज मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान कैबिनेट की बैठक रखी गई है। सूबे में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए मंत्रिमंडल की इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि बैठक में फ्लोर टेस्ट और विधानसभा सत्र को लेकर चर्चा हो सकती है। सीएम हाउस में मंगलवार शाम कैबिनेट की बैठक होनी है।

सीएम गहलोत का बड़ा दावा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर किसी प्रकार का संकट नहीं है। राज्य सरकार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी। बता दें कि प्रदेश कांग्रेस विधायक दल की मंगलवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने यह बात कही।

कांग्रेस विधायक दल की यह बैठक जयपुर दिल्ली मार्ग पर उसी होटल में हुई जहां विधायक पिछले कुछ दिनों से रुके हुए हैं। पार्टी प्रवक्ता के अनुसार गहलोत ने बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पांच साल चलेगी। सीएम गहलोत ने कहा, 'सत्य की विजय होगी, सत्य ही ईश्वर है, ईश्वर ही सत्य है और सत्य हमारे हमारे साथ है।'

विधायकों ने दिलाया सीएम गहलोत को भरोसा

पार्टी प्रवक्ता के मुताबिक बैठक में मौजूद विधायकों ने पूरी दृढ़ता के साथ सीएम गहलोत के नेतृत्व में भरोसा जताया और कहा कि चाहे कोई भी तकलीफ उठानी पड़े हम साथ हैं और सत्य की लड़ाई में हम जीतेंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तो बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत के साथ- साथ पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन भी मौजूद रहे। बैठक तकरीबन डेढ़ घंटे चली।

बता दे, बुधवार को गहलोत सरकार विश्वास मत के जरिए बहुमत साबित कर सकती है। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। शनिवार को गहलोत ने राज्यपाल से भी मुलाकात की थी। नियमों के मुताबिक, अगर बहुमत साबित करने में गहलोत सरकार सफल हो जाती है तो फिर विपक्ष 6 महीने तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता।

इन विधायकों को नोटिस दिया गया था

सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत।

गौरतलब है कि राजस्थान के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में अशोक गहलोत सरकार के समर्थक विधायक एक होटल में रुके हुए हैं। बीते लगभग एक सप्ताह में पार्टी के विधायक दल की यह तीसरी बैठक थी। इसमें कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे अन्य विधायक भी शामिल हुए।