बलात्कार मामले में जमानत मिलने के बाद आसाराम बापू का आश्रम में भव्य स्वागत

जोधपुर। बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए गए और जमानत पर बाहर आए आसाराम बापू मंगलवार शाम को जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम में लौट आए। राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 86 वर्षीय आसाराम बापू को अंतरिम जमानत दे दी। आसाराम 2013 में अपने आश्रम में नाबालिग से बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उन्हें 31 मार्च तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी गई है।

आसाराम के आश्रम पहुंचने पर उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। उनकी कार पर फूल बरसाए गए और उनके प्रवेश करते ही उनकी आरती उतारी गई। आश्रम के अंदर जाने से पहले उन्होंने अपने समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।

राजस्थान हाईकोर्ट से रेप के मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बाद मंगलवार (14 जनवरी) की देर रात आसाराम (कैदी नंबर-130) भगत की कोठी (जोधपुर) स्थित आरोग्यम हॉस्पिटल से निकलकर पाल गांव (जोधपुर) स्थित अपने आश्रम पहुंचा।

इस दौरान अस्पताल के बाहर उसके समर्थकों की भीड़ जुट गई। समर्थकों ने आसाराम को माला पहनाई। रात करीब 10:30 आसाराम अपने आश्रम पहुंचा। यहां भी सेवादारों ने आतिशबाजी करके आसाराम का स्वागत किया। रात 11 बजे आसाराम एकांतवास पर चला गया।

आसाराम के ऊपर गुजरात के गांधीनगर और राजस्थान के जोधपुर में रेप के मामले दर्ज हैं। दोनों ही मामलों में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गुजरात से जुड़े केस में उसे 7 जनवरी को सुप्रीम काेर्ट से बेल मिली थी, इसके बाद 14 जनवरी को जोधपुर मामले में भी जमानत मिल गई। वह 75 दिन के लिए बाहर आया है। आसाराम को स्वास्थ्य कारणों के चलते 11 साल 4 माह 12 दिन बाद कोर्ट से अंतरिम जमानत के रूप में आंशिक राहत मिली है।

31 मार्च तक अंतरिम जमानत पर

आसाराम के वकील निशांत बोड़ा ने बताया- जस्टिस दिनेश मेहता और विनीत कुमार माथुर की बेंच में SOS याचिका दायर की गई थी। आसाराम की तरफ से वकील आरएस सलूजा, निशांत बोडा, यशपाल सिंह राजपुरोहित और भारत सैनी ने पैरवी की थी।

इसमें 7 जनवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट से गुजरात केस (रेप) में मिली जमानत का हवाला दिया गया था। इसमें आसाराम के इलाज की गुहार लगाई गई थी। उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए कोर्ट ने मंगलवार को आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी है। इस दौरान देश के किसी भी आश्रम में रहने की अनुमति होगी। हॉस्पिटल या आश्रम में इलाज भी करवा सकेगा।

आसाराम ने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका


आसाराम को इससे पहले 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सूरत के आश्रम में महिला अनुयायी से रेप के मामले में 31 मार्च तक जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आसाराम अपने फॉलोअर्स से नहीं मिल सकता है।

आसाराम को जोधपुर रेप केस में राहत नहीं मिली थी। इसके बाद आसाराम के वकील ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद बड़ी राहत मिली। अब 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी गई है।

जोधपुर और गांधीनगर कोर्ट के फैसलों में भी दोषी


जोधपुर कोर्ट: जोधपुर के मणई आश्रम में नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से 2 सितंबर 2013 को गिरफ्तार किया था। 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

गांधीनगर कोर्ट: आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

जेल में की थी महिला वैद्य की मांग

आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले मेडिकल चेकअप करवाया गया था। तब वह स्वस्थ था। उसे कोई भी बीमारी नहीं थी। जेल में जाने के एक महीने बाद ही आसाराम ने पहली बार अपनी त्रिनाड़ी शूल (दिमाग की नस में खराबी आने से यह बीमारी होती है। इसमें चेहरे के एक हिस्से में बहुत तेज दर्द होता है) बीमारी का जिक्र किया था।

4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था- करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाड़ी शूल नाम की बीमारी से ग्रसित हूं। मेरा इलाज पिछले 2 से 3 वर्ष से महिला वैद्य नीता कर रही थीं। मेरे इलाज के लिए नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल में आने की अनुमति दी जाए। इस पर मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया था। डॉक्टर को ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी।