राफेल सौदे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली का पलटवार, कहा- कांग्रेस लगातार अलग-अलग बयान दे रही है और खुद कंफ्यूज है

राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों से घिरे वित्त मंत्री अरुण जेटली Arun Jaitley ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ ली है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिये इंटरव्यू में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक-एक कर राहुल गांधी और कांग्रेस के सारे आरोपों पर न सिर्फ जवाब दिया है, बल्कि पलटवार भी किया। जेटली ने कहा कि राफेल के दाम पर कांग्रेस Congress लगातार अलग-अलग बयान दे रही है और वो खुद कंफ्यूज है। बता दें कि सर्जरी के बाद यह जेटली का पहला इंटरव्यू था।

अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी Rahul Gandhi को राफेल Rafale Deal को लेकर कोई समझ नहीं है। पता नहीं उन्हें इसकी कब समझ होगी। राफेल सौदे को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने किंडरगार्टन या प्राइमरी स्कूल के बच्चों जैसी बहस करार दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कई बार सरकार पर आरोप लगाते हुए राफेल के अलग-अलग दामों का जिक्र किया है। क्या राहुल गांधी को तथ्यों की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि सच सिर्फ एक होता है, लेकिन झूठ के कई चेहरे होते हैं। उन्होंने कहा, "मैं 500-कुछ दे रहा था, आपने 1600-कुछ दिए हैं... यह तर्क दिया जा रहा है... यह दिखाता है कि उन्हें (राहुल गांधी को) कितनी कम समझ है..."

इससे पहले जेटली ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर राहुल से 15 सवाल किये। उन्होंने कहा कि 36 राफेल विमान खरीदने के लिए फ्रांस के साथ 10 अप्रैल, 2015 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 2007 के करार की तुलना में बेहतर शर्तों पर समझौता किया।

उन्होंने लिखा, ‘‘मैं ये सवाल कर रहा हूं क्योंकि उनके दुस्साहस से राष्ट्रीय हित प्रभावित हो रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी तत्काल इसका जवाब देंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राफेल विमान सौदे के बारे में कांग्रेस पार्टी के हल्के झूठ पर आधारित फर्जी अभियान से दो सरकारों के बीच हुए अनुबंध पर जोखिम के बादल छा रहे हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर जोखिम उत्पन्न हो रहे हैं।’’

जेटली ने कहा कि राफेल विवाद पूरी तरह से असत्य पर आधारित है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और उनके जिम्मेदार नेताओं से यह उम्मीद की जाती है कि वे रक्षा सौदों के बारे में सार्वजनिक बहस में कूदने से पहले खुद को आधारभूत तथ्यों से अवगत रखेंगे।

अरुण जेटली ने आगे कहा कि 2015 से 2016 के बीच सौदे पर कई चरणों में बातचीत हुई और 2016 में इस डील पर अंतिम मुहर लगी। करेंसी में उतार चढ़ाव की वजह से सौदे की कीमत में बदलाव हुआ। इस तरह राफेल विमानों की कीमत बेसिक प्राइस से 9 फीसद कम हुई। क्या कांग्रेस को इस तथ्य की जानकारी नहीं है?

अरुण जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी से इस प्रकार की उम्मीद की जाती है कि कोई भी आरोप लगाने से पहले वह तथ्यों की जांच करें।

उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार ने इस डील में करीब एक दशक की देरी की, जिसका सीधा असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ा।

राफेल डील को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्रियों तथा BJP नेताओं अरुण शौरी व यशवंत सिन्हा द्वारा की जा रही आलोचना के जवाब में अरुण जेटली ने कहा, "NDA में, विशेषकर BJP में हमारी त्रासदी यह है कि हमारे पास 'करियर नेशनलिस्ट' बहुत हैं... वे हमारे साथ रहकर तब तक राष्ट्रवादी रहते हैं, जब तक वैसा बने रहने में उनके करियर को फायदा होता है... मैं उन्हें ज़्यादा विश्वसनीय नहीं मानता..." आगे केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, "मैं कम से कम दो बार यह वाक्य दोहरा चुका हूं - कितना वह (राहुल गांधी) जानते हैं, और कब वह जानेंगे...? क्या आप बेसिक विमान और एक्सेससरीज़ से लदे विमान की कीमत की तुलना कर सकते हैं...? क्या आप एक साधारण विमान और हथियारों से लैस विमान की तुलना कर सकते हैं...?"

उन्होंने कहा, ‘‘यह कहने की जरूरत नहीं कि मैं अनुबंध के गोपनीयता प्रावधानों से बंधा हुआ हूं और मुझसे जो कुछ भी पूछा जाएगा वह उसी दायरे में बंधा होगा।’’

जेटली ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने अप्रैल में दिल्ली में तथा मई में कर्नाटक में इसकी कीमत प्रति विमान 700 करोड़ रुपये होने की बात की। संसद में उन्होंने इसे घटाकर 520 करोड़ रुपये प्रति विमान कर दिया। इसके बाद रायपुर में उन्होंने इसे बढ़ाकर 540 करोड़ रुपये प्रति विमान कर दिया। हैदराबाद में उन्होंने 526 करोड़ रुपये की नयी कीमत खोज ली। सत्य का एक ही स्वरूप होता है जबकि झूठ के कई संस्करण होते हैं।’’