बौखलाए पाकिस्‍तान ने हमेशा के लिए बंद की समझौता एक्‍सप्रेस, रेल मंत्री ने कहा - जब तक मैं हूं नहीं चलेगी

कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 और 35A पर भारत के फैसले से बौखलाए पाकिस्‍तान ने समझौता एक्‍सप्रेस को हमेशा के लिए बंद करने की घोषणा की है। पाकिस्‍तान के रेल मंत्री शेख राशिद अहमद खान ने कहा, समझौता एक्‍सप्रेस को हमेशा के लिए बंद किया जाता है। जिन्‍होंने इसके लिए पहले से टिकट खरीद लिए हैं, बिना कोई चार्ज काटे रिफंड लौटा दिया जाएगा।

पाकिस्‍तान के रेल मंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'जब तक मैं पाकिस्‍तान का रेल मंत्री हूं, ये समझौता एक्‍सप्रेस नहीं चलेगी।' इस मामले पर अटारी अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन के सुपरिंटेंडेंट अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि आज पाकिस्तान से समझौता एक्सप्रेस को भारत आना था, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान से संदेश आया कि भारतीय रेल अपने ड्राइवर और क्रू मेंबर को भेजकर समझौता एक्सप्रेस को ले जाए। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी रेलवे ने सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया है। इसके बाद भारत ने अपने ड्राइवर और क्रू मेंबर को इंजन के साथ पाकिस्‍तान भेजा। भारत की ओर से भेजा गया इंजन ट्रेन को लेकर वापस आया। इसके बाद ये ट्रेन पाकिस्‍तान से बाघा 110 यात्र‍ियों के साथ पहुंची।

बता दे, समझौता एक्सप्रेस का इतिहास 43 साल पुराना है। दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौते के बाद दोनों देशों के बीच एक ट्रेन शुरू करने पर सहमति बनी थी। दरअसल 1965 के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच ट्रेन चलनी बंद हो गई थी। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इस रूट की पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं। फिर इसका संचालन रोक दिया गया। वर्ष 1971 में हुए समझौते के आधार पर 1976 में समझौता एक्सप्रेस शुरू हुई। इस ट्रेन को अटारी-लाहौर के बीच शुरू करने का फैसला किया गया। शुरुआत में इसे रोज चलाया जाता था। 1994 में इसका संचालन हफ्ते में दो दिन कर दिया गया। भारत से यह दो बार- बुधवार व रविवार को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से रात 11:10 बजे निकलती है। दोनों देशों में आखिरी सीमाई स्टेशन मुनाबाओ और खोखरापार हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच भारी मात्रा में खाद्य पदार्थ व अन्य कई तरह के व्यापार होते हैं। बहुत सा सामान इस ट्रेन से लाया जाता है। ये दोनों देशों के बीच व्यापार का भी एक बड़ा साधन मानी जाती है।