बजट 2024 : नई कर व्यवस्था पर घोषणाएँ, मानक कटौती में वृद्धि, नए कर स्लैब, इनकम टैक्सपेयर्स को राहत

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना सातवां लगातार बजट पेश किया। राजकोषीय घाटे का अनुमान जीडीपी के 4.9% रहने की जानकारी देते हुए सीतारमण ने कहा कि लोगों ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास जताया है और ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए इसे फिर से चुना है।

केंद्रीय बजट 2024-25 में देश में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा। लोकसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसमें रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान दिया जाएगा।

भारत की आर्थिक वृद्धि के बारे में बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह लगातार चमक रहा है। मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण निवेश किए गए हैं। बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं। यह हमारे सकल घरेलू उत्पाद का 3.4% होगा... निजी क्षेत्र द्वारा बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण और सक्षम नीतियों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा...

सीतारमण ने कहा, मैं आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा करती हूं। इससे विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी। इसे 6 महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा, अगले 6 महीनों में सीमा शुल्क ढांचे की व्यापक समीक्षा की जाएगी। ई-कॉमर्स पर टीडीएस दर को घटाकर 0.1% किया जाएगा। मेरा प्रस्ताव है कि धर्मार्थ कार्यों के लिए दो कर छूट व्यवस्थाओं को एक में मिला दिया जाए। मैं कर दाखिल करने की तिथि तक टीडीएस में देरी को अपराधमुक्त करने का प्रस्ताव करती हूं...

टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत

वित्त मंत्री ने देश के लाखों टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए आयकर देने वाले को राहत का ऐलान किया है। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि नई टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार किया जाएगा। इसके साथ ही टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव किया जाएगा। न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं 3 लाख से 7 लाख रुपये तक 5 फीसदी टैक्स देना होगा। 7 से 10 लाख की आय पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा। वहीं 10 से 12 लाख की आय पर 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा होगा। वहीं 12 से 15 लाख के आय पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। 15 लाख से अधिक के इनकम पर 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा। हालांकि, ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।