आंध्रप्रदेश सरकार ने स्कूलों में मोबाइल पर लगाया बैन, शिक्षक भी नहीं कर पाएंगे उपयोग

अमरावती। आज के समय में स्मार्ट गैजेट और मोबाइल फोन के बढ़ते प्रयोग से बच्चों का रुझान पढ़ाई की तरफ कम होने लगा है। मोबाइल का बच्चे गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका बच्चों के दिमाग पर काफी गहरा असर पड़ रहा है। इसी को मद्दे नजर रखते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।

ज्ञातव्य है कि आंध्रप्रदेश सरकार से पहले इस वर्ष जून माह में झारखण्ड सरकार ने स्कूल में शिक्षकों के मोबाइल फोन को लाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। झारखण्ड सरकार का कहना था कि अध्यापक स्कूलों में पढ़ाते कम हैं और फोन कॉल पर ज्यादा व्यस्त रहते हैं।

आंध्रप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए विद्यार्थियों को स्कूलों में मोबाइल फोन लाने और इस्तेमाल करने से रोक लगा दिया है। इतना ही नहीं, विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, अब शिक्षकों को भी अपनी कक्षाओं में जाने से पहले अपना फोन हेडमास्टर के पास जमा करना होगा।

यूनेस्को ने दी चेतावनी

दरअसल, विभाग की ओर से यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है, ताकि शिक्षण में किसी तरह की लापरवाही न हो। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट के अनुसार की गई है।

बच्चों की भलाई और सुरक्षा के कारण लिया फैसला

यूनेस्को ने स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया। इसमें कहा गया है कि विश्व स्तर पर चार में से एक देश ने डेटा गोपनीयता, सुरक्षा और बच्चों की भलाई के लिए कानून या नीति के तौर पर इस तरह का प्रतिबंध लगाया है। शैक्षिक क्षेत्र में डिजिटल उत्पादों का काफी तेजी से इस्तेमाल हो रहा है, जिसको ध्यान में रखते हुए यूनेस्को की ओर से चेतावनी दी गई है।

सख्ती से पालन करने का आदेश

स्कूल शिक्षा विभाग ने पहले ही शिक्षकों को कक्षा में मोबाइल फोन का इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी, लेकिन इस आदेश का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा था। शिक्षकों द्वारा कक्षा के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग करने से, छात्रों को स्वयं ही पाठ पढऩे और समझने के लिए मजबूर होना पड़ता है।