US Election : इस अमेरिकी नागरिक ने स्पेस से डाला वोट, यह था तरीका

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव कौन जीतेगा? जो बाइडेन या डोनाल्ड ट्रम्प। फिलहाल, बाजी बाइडेन के हाथ लगती नजर आ रही है। उन्होंने ट्रम्प से मिशिगन और विस्कॉन्सिन छीन लिए हैं। 2016 में यहां ट्रम्प जीते थे। जैसा की हम सभी जानते है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लोगों का जीने का अंदाज बदल चुका है और इस वायरस ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को भी काफी प्रभावित किया है। जहां अमेरिका के कई हिस्सों में काफी ज्यादा वोट परसेंट देखने को मिला वही कई लोगों ने कोरोना वायरस के डर से वोट डालने से दूरी भी बनाई है।

हालांकि इस बीच अमेरिका की एक 42 साल की एस्ट्रोनॉट ने धरती से हजारों किलोमीटर दूर अंतरिक्ष से इन चुनावों में वोट डाला है। केट रुबिन्स नाम की ये अंतरिक्ष यात्री फिलहाल एक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मौजूद हैं। नेशनल एयरनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन(नासा) के साथ बातचीत में केट ने इस प्रक्रिया के बारे में बताया। केट ने दूसरी बार अंतरिक्ष से वोट दिया है। इससे पहले वे साल 2016 में भी अंतरिक्ष से ही वोट डाल चुकी हैं जब डोनाल्ड ट्रंप पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए थे।

अंतरिक्ष यात्री ने बताया कि ये प्रक्रिया कुछ हद तक ऐसी ही है जब कोई शख्स देश से बाहर होने पर वोट डालता है। उन्होंने बताया कि ये प्रोसेस शुरू हुआ था जब उन्होंने फेडरल पोस्टकार्ड एप्लीकेशन को भरा था। ये एप्लीकेशन काफी हद तक उसी एप्लीकेशन से मिलती-जुलती है जिसमें आर्मी के लोग बाहर देश में होने पर वोट डालने के लिए एप्लीकेशन भरते हैं। हालांकि टेक्निकली केट बाहर देश में नहीं बल्कि उससे भी कहीं ज्यादा दूर मौजूद हैं।

चूंकि एस्ट्रोनॉट्स अपनी ट्रेनिंग के लिए हाउस्टन आते हैं, इसलिए ज्यादातर अंतरिक्ष यात्री टैक्सास के नागरिक के तौर पर ही वोट डालते हैं। लेकिन अगर कोई एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष से अपने होमटाउन के नागरिक के तौर पर वोट डालना चाहते हैं तो उनके लिए भी खास इंतजाम होते हैं।

एफपीसीए अप्रूव होने के बाद एस्ट्रोनॉट वोटिंग के लिए तैयार हो जाते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों के होमटाउन में मौजूद काउंटी क्लर्क नासा के हाउस्टन में मौजूद जॉनसन स्पेस सेंटर में एक टेस्ट बैलेट भेजते हैं। इसके बाद एक स्पेस स्टेशन ट्रेनिंग कंप्यूटर की मदद से टेस्ट किया जाता है कि क्या ये बैलेट भर पाया या नहीं। इसके बाद इसे काउंटी क्लर्क के पास भेज दिया जाता है।

टेस्ट के पूरा होने के बाद एक सिक्योर इलेक्ट्रॉनिक बैलेट कर्ल्क ऑफिस द्वारा जनरेट किया जाता है। इसके बाद एस्ट्रोनॉट वोट डालते हैं और ईमेल के सहारे काउंटी कर्ल्क द्वारा इसे आधिकारिक तौर पर इसे रिकॉर्ड किया जाता है। इसका सिर्फ एक ही पासवर्ड होता है ताकि सिर्फ आधिकारिक इंसान द्वारा इस बैलेट को खोला जा सके।

हर अमेरिकी नागरिक की तरह किसी भी एस्ट्रोनॉट के लिए ये जरूरी है कि वो अपना वोट चुनाव के दिन शाम 7 बजे तक जरूर भेज दे। अगर ऐसा नहीं होता है तो उनका वोट काउंट नहीं होता है।

बता दें कि पिछले 23 सालों से अमेरिका के लोगों के पास अंतरिक्ष से वोट डालने की सुविधा है। नासा के डेविड वुल्फ पहले ऐसे एस्ट्रोनॉट बने थे जिन्होंने रुस के स्पेस स्टेशन मीर से अपना वोट डाला था। इसके अलावा कई नासा के एस्ट्रोनॉट्स स्पेस से वोट डाल चुके हैं।

आपको बता दे, अमेरिका के जॉर्जिया में बड़ा उलटफेर हो गया है। अभी तक यहां डोनाल्ड ट्रंप आगे चल रहे थे, लेकिन अब जो बाइडेन ने बढ़त बना ली है। जो बाइडेन करीब 1 हजार वोटों से आगे हैं और यहां पर 99 फीसदी वोट गिने जा चुके हैं। अगर जो बाइडेन यहां जीतते हैं तो उन्हें 16 इलेक्टोरल वोट मिल जाएंगे।