अमृतसर ट्रेन हादसा : दर्दनाक रेल हादसे के लिए रेलवे ने स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया, कहा - कार्यक्रम के लिये रेलवे द्वारा कोई मंजूरी नहीं दी गई थी

दशहरे के दिन पंजाब के अमृतसर में बड़ा रेल हादसा हो गया। रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रही भीड़ पर ट्रेन चढ़ गई जिससे 61 लोगों की मौत हो गई और 72 घायलों को अमृतसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा इतना बड़ा था कि मरने वालों की तादाद और बढ़ सकती है। हादसे के बाद ट्रैक के दोनों ओर 150 मीटर तक शव बिखरे हुए नजर आ रहे थे। बता दें कि मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे। इस दर्दनाक रेल हादसे के लिए रेलवे ने स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। अमृतसर में मनावला और फिरोजपुर स्टेशनों के बीच यह हादसा हुआ।

हादसे को लेकर रेलवे का कहना है कि पुतला दहन देखने के लिए लोगों का वहां पटरियों पर एकत्र होना ‘‘स्पष्ट रूप से अतिक्रमण का मामला’’ था और इस कार्यक्रम के लिये रेलवे द्वारा कोई मंजूरी नहीं दी गई थी।

अमृतसर प्रशासन पर इस हादसे की जिम्मेदारी डालते हुए आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों को दशहरा कार्यक्रम की जानकारी थी और इसमें एक वरिष्ठ मंत्री की पत्नी ने भी शिरकत की।

रेलवे अधिकारियों ने कहा, "हमें इस बारे में जानकारी नहीं दी गई थी और हमारी तरफ से कार्यक्रम के लिए कोई मंजूरी नहीं दी गई थी। यह अतिक्रमण का स्पष्ट मामला है और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"

इतनी भीड़ होने के बावजूद रेल चालक द्वारा गाड़ी नहीं रोके जाने को लेकर सवाल उठने पर अधिकारी ने कहा, "वहां काफी धुआं था जिसकी वजह से चालक कुछ भी देखने में असमर्थ था और गाड़ी घुमाव पर भी थी।"

फुटेज में दिखा कि हादसे के दौरान लोग ट्रैक से सेल्फी ले रहे थे

अमृतसर के पास रावण दहन देख रहे सैकड़ों लोग ट्रेन की चपेट में आ गए। दुर्घटना की परेशान कर देने वाली वीडियो फुटेज दिखा रही है कि जब यह हादसा हुआ तब कई लोग कार्यक्रम की अपने मोबाइल से वीडियो बना रहे थे।

पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर रावण दहन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने बाद में कहा कि कोई भी नहीं जानता था कि हादसा कैसे हुआ और सब जश्न मना रहे थे और पटरियों पर सेल्फी ले रहे थे।

सियासी नेताओं समेत कई लोगों ने ट्विटर पर दुखद घटनाओं के दौरान सेल्फी लेने की पंरपरा पर निराशा जताई।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘"नासमझी और पूरी तरह से टाला जा सकने वाला हादसा है। जिस तरह से लोग ट्रेन के लोगों को कुचलने के बाद भी शूट कर रहे हैं वीडियो को देखकर उससे आपको घटना की भयावहता की कल्पना करने में भी मुश्किल होगी।"

आम आदमी पार्टी की नेता प्रीति शर्मा मेनन ने ट्वीट किया कि यह अविश्वसनीय है कि ट्रेन ने लोगों को कुचल दिया और फिर भी वे मोबाइल से वीडियो बनाते रहे।

टीवी चैनलों पर प्रसारित हुई दुर्घटना की वीडियो फुटेज बता रही है कि जब यह भीषण हादसा हुआ तब कई लोग मोबाइल से वीडियो बना रहे थे।

एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान

इस भयावह हादसे को देखते हुए पंजाब में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘अमृतसर रेल दुर्घटना के मद्देनजर प्रदेश में कल शोक रहेगा। सभी दफ्तर और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।’ वही इसी बीच एक चौकाने वाली बात का खुलासा हुआ है। खबरे आ रही है कि जिस जगह रेल हादसा हुआ वहां पिछले साल दशहरे का आयोजन नहीं हुआ था। इस साल कांग्रेस पार्षद के बेटे ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। पूरे मामले में कांग्रेस पार्षद के बेटे सौरभ मिठू मदान का नाम सामने आ रहा है। दूसरी तरफ, जहां आयोजन किया गया था (खाली जमीन) और रेलवे ट्रैक के बीच 5 फ़ुट ऊंची दीवार थी, लेकिन तमाम लोग ऊंचाई से बेहतर नज़ारा देखने के लिए दीवार और ट्रैक पर खड़े थे। इसी दौरान यह हादसा हुआ। जहां हादसा हुआ वह जगह जोड़ा फाटक से 400 फुट की दूरी पर है।

पत्नी के बचाव में नवजोत सिंह सिद्धू, बोले- राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए

गौरतलब है कि इस दुर्घटना के बाद लोगों ने पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पर भी निशाना साधा। लोगों का कहना था कि नवजोत कौर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं, लेकिन हादसे की जानकारी होने के बावजूद वह घटनास्थल से चली गईं। हालांकि नवजोत कौर सिद्धू ने इस आरोप से इनकार किया है कि वे अमृतसर में रेल लाइन पर हुए हादसे के बाद घटनास्थल से चली गई थीं। नवजोत कौर ने कहा कि 'अगर कोई यह सोचे कि यह जानबूझकर किया गया या उकसाने पर किया गया तो यह गलत है। यह समय उंगलियां उठाने का नहीं है। किसी ने यह सोच समझ कर जानबूझ कर नहीं किया है। यह कुदरत का प्रकोप है।'

पत्नी नवजोत कौर का बचाव करते हुए सिद्धू ने कहा, 'जब दुर्घटना होती है तो किसी को बताकर नहीं होती। लोग जो बात कर रहे हैं वह राजनीतिक बातें कर रहे हैं। राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए।' सिद्धू ने कहा कि इस घटना पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेला जा सकता। उन्होंने कहा कि रावण दहन होता आजकल बटन से होता है जिससे आग तेजी से लगती है। इस दौरान जब आतिशबाजी गलत दिशा में जाती है तो लोग पीछे हटते हैं। इसी दौरान वहां मौजूद लोगों को पता नहीं चला होगा। कार्यक्रम कराए जाने संबंधी अनुमति से जुड़े सवाल पर सिद्धू ने कहा कि यह रावण दहन पिछले पचास सालों से हो रहा है। अमृतसर में कई जगहों पर रावण दहन होता है। मुख्यमंत्री ने इस घटना पर जांच के आदेश दिए हैं। हमें दुख बांटना चाहिए। इस पर राजनीति गलत है।