अमृतसर ट्रेन हादसे में बड़ा खुलासा, पिछले साल नहीं हुआ था यहां दशहरे का आयोजन, इस बार कांग्रेस नेता के बेटे सौरभ मिठू मदान ने किया था आयोजन

दशहरे के दिन पंजाब के अमृतसर में बड़ा रेल हादसा हो गया। रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रही भीड़ पर ट्रेन चढ़ गई जिससे 61 लोगों की मौत हो गई और 72 घायलों को अमृतसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा इतना बड़ा था कि मरने वालों की तादाद और बढ़ सकती है। हादसे के बाद ट्रैक के दोनों ओर 150 मीटर तक शव बिखरे हुए नजर आ रहे थे। बता दें कि मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे। इस भयावह हादसे को देखते हुए पंजाब में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘अमृतसर रेल दुर्घटना के मद्देनजर प्रदेश में कल शोक रहेगा। सभी दफ्तर और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।’ वही इसी बीच एक चौकाने वाली बात का खुलासा हुआ है। खबरे आ रही है कि जिस जगह रेल हादसा हुआ वहां पिछले साल दशहरे का आयोजन नहीं हुआ था। इस साल कांग्रेस पार्षद के बेटे ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। पूरे मामले में कांग्रेस पार्षद के बेटे सौरभ मिठू मदान का नाम सामने आ रहा है। दूसरी तरफ, जहां आयोजन किया गया था (खाली जमीन) और रेलवे ट्रैक के बीच 5 फ़ुट ऊंची दीवार थी, लेकिन तमाम लोग ऊंचाई से बेहतर नज़ारा देखने के लिए दीवार और ट्रैक पर खड़े थे। इसी दौरान यह हादसा हुआ। जहां हादसा हुआ वह जगह जोड़ा फाटक से 400 फुट की दूरी पर है।

गौरतलब है कि इस दुर्घटना के बाद लोगों ने पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पर भी निशाना साधा। लोगों का कहना था कि नवजोत कौर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं, लेकिन हादसे की जानकारी होने के बावजूद वह घटनास्थल से चली गईं। हालांकि नवजोत कौर सिद्धू ने इस आरोप से इनकार किया है कि वे अमृतसर में रेल लाइन पर हुए हादसे के बाद घटनास्थल से चली गई थीं। नवजोत कौर ने कहा कि 'अगर कोई यह सोचे कि यह जानबूझकर किया गया या उकसाने पर किया गया तो यह गलत है। यह समय उंगलियां उठाने का नहीं है। किसी ने यह सोच समझ कर जानबूझ कर नहीं किया है। यह कुदरत का प्रकोप है।'

पत्नी नवजोत कौर का बचाव करते हुए सिद्धू ने कहा, 'जब दुर्घटना होती है तो किसी को बताकर नहीं होती। लोग जो बात कर रहे हैं वह राजनीतिक बातें कर रहे हैं। राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए।' सिद्धू ने कहा कि इस घटना पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेला जा सकता। उन्होंने कहा कि रावण दहन होता आजकल बटन से होता है जिससे आग तेजी से लगती है। इस दौरान जब आतिशबाजी गलत दिशा में जाती है तो लोग पीछे हटते हैं। इसी दौरान वहां मौजूद लोगों को पता नहीं चला होगा। कार्यक्रम कराए जाने संबंधी अनुमति से जुड़े सवाल पर सिद्धू ने कहा कि यह रावण दहन पिछले पचास सालों से हो रहा है। अमृतसर में कई जगहों पर रावण दहन होता है। मुख्यमंत्री ने इस घटना पर जांच के आदेश दिए हैं। हमें दुख बांटना चाहिए। इस पर राजनीति गलत है।