अमृतसर ट्रेन हादसा : 'रावण' ने बचाई कइयों की जान, लेकिन ख़ुद ट्रेन की चपेट में आ गए

दशहरे के दिन पंजाब Punjab के अमृतसर Amritsar में बड़ा रेल हादसा Train Accident हो गया। एक झटके में विजयादशमी की खुशियां मातम में बदल चुकी। कोई अपने बच्चों के साथ इस मेले में पहुंचा था तो कोई अपने माता-पिता के साथ यहां रावण वध देखने आया था, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह उनकी ज़िंदगी की आखिरी रामलीला होगी और रावण वध के साथ-साथ वह खुद भी अपनी जान गवां बैठेंगे। बता दे, रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रही भीड़ पर ट्रेन चढ़ गई जिससे 61 लोगों की मौत हो गई और 72 घायलों को अमृतसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा इतना बड़ा था कि मरने वालों की तादाद और बढ़ सकती है। हादसे के बाद ट्रैक के दोनों ओर 150 मीटर तक शव बिखरे हुए नजर आ रहे थे। बता दें कि मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे। वहीं, इस हादसे की चपेट में सिर्फ दर्शक ही नहीं बल्कि खुद रावण Ravana का किरदार निभा रहे 24 साल के दलबीर सिंह भी आ गए। लोगों की जान बचाते-बचाते दलबीर सिंह Dalbir Singh खुद भी अपनी जान गवां बैठे।

हादसे के कुछ मिनट पहले ही वो रामलीला खत्म कर अपने घर अपने 8 महीने के बेटे से मिलने निकल चुके थे। लेकिन पटरी तक पहुंचते ही उन्होंने ट्रेन के आने की आवाज़ सुनी और घर ना जाते हुए वहां मौजूद लोगों को हटाने लगे। लेकिन उन्हें नहीं मालूम था कि वो इस हादसे में अपने आपको भी नहीं बचा पाएंगे। उनकी मां का कहना है कि उनके बेटे दलबीर ने बहुत बहादुरी वाला काम किया है।

बता दें दलबीर के पीछे उनकी विधवा मां, उनकी पत्नी और 8 महीने का बेटा ही बचे हैं। दलबीर के परिवार की मांग है कि दलबीर की पत्नी को सरकारी नौकरी मिले और हादसे के लिए ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा दी जाए।

एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान

इस भयावह हादसे को देखते हुए पंजाब में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘अमृतसर रेल दुर्घटना के मद्देनजर प्रदेश में कल शोक रहेगा। सभी दफ्तर और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।’ वही इसी बीच एक चौकाने वाली बात का खुलासा हुआ है। खबरे आ रही है कि जिस जगह रेल हादसा हुआ वहां पिछले साल दशहरे का आयोजन नहीं हुआ था। इस साल कांग्रेस पार्षद के बेटे ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। पूरे मामले में कांग्रेस पार्षद के बेटे सौरभ मिठू मदान का नाम सामने आ रहा है। दूसरी तरफ, जहां आयोजन किया गया था (खाली जमीन) और रेलवे ट्रैक के बीच 5 फ़ुट ऊंची दीवार थी, लेकिन तमाम लोग ऊंचाई से बेहतर नज़ारा देखने के लिए दीवार और ट्रैक पर खड़े थे। इसी दौरान यह हादसा हुआ। जहां हादसा हुआ वह जगह जोड़ा फाटक से 400 फुट की दूरी पर है।