अमृतसर ट्रेन हादसे की चपेट में आए मृतकों और घायलों की लिस्ट जारी कर दी गई है। इस लिस्ट के मुताबिक अभी तक 61 लोगों की जानें जा चुकी हैं और 113 लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों के शरीर को अमृतसर के सिविल हॉस्पिटल और गुरू नानक देव हॉस्पिटल में रखा गया है। वहीं, घायलों का इलाज अमनदीप अस्पताल (प्राइवेट), मिलिट्री हॉस्पिटल, हरतेज हॉस्पिटल (प्राइवेट), श्री गुरू राम दास हॉस्पिटल, सिविल हॉस्पिटल और गुरू नानक देव हॉस्पिटल में किया जा रहा है। इस लिस्ट में मृतकों के नाम, उम्र, पति एंव पिता के नाम और घर का पता दिया गया है। इसके साथ ही घायलों के भी नाम, उम्र और पति एंव पिता का नाम दिया गया है, बाकि जांच-पड़ताल जारी है। वहीं, इन सूची में उन 11 लोगों के नाम भी शामिल हैं जिनके शरीर को अस्पताल में लाया गया था, इसमें 10 पुरुष (4 बच्चे और 6 पुरुष) के अलावा एक बुजुर्ग महिला शामिल है। बता दे, अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार की शाम दशहरा dussehra 2018 के मौके पर रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी। लोग रेल की पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी अचानक तेज रफ्तार में ट्रेन आई और सैकड़ों लोगों को कुचलती हुई चली गई। ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ।
हेल्पलाइन नंबररेलवे ने अमृतसर (Amritsar) में ट्रेन हादसे के पीड़ितों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि 01832223171 और 01832564485 नंबरों पर फोन करके हादसे के बारे में जानकारी ली जा सकती है। मनावला स्टेशन का फोन नंबर 0183-2440024, 0183-2402927 और फिरोजपुर का हेल्पलाइन नंबर 01632-1072 है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा- हमारी कोई गलती नहीं, ड्राइवर पर रेलवे नहीं करेगा कार्रवाई!इस पूरे हादसे पर जिम्मेदारी लेने से मना करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि ड्राइवर ने स्पीड कम की थी। अगर इमरजेंसी ब्रेक लगाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। हादसे की जगह अंधेरा था और ट्रैक थोड़ा घुमावदार था।जिसकी वजह से ड्राइवर को ट्रैक पर बैठे लोग नज़र नहीं आए। उन्होंने कहा कि गेटमैन की ज़िम्मेदारी सिर्फ गेट की होती है। हादसा इंटरमीडिएट सेक्शन पर हुआ, जो कि एक गेट से 400 मीटर दूर है, वहीं दूसरे गेट से 1 किलोमीटर दूर है।
उन्होंने साफ कहा कि हमारी कोई गलती नहीं है। उन्होंने यह भी साफ किया है कि इस मामले में रेलवे की तरफ से जांच के आदेश नहीं दिए जाएंगे। वहीं रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने भी रेलवे की गलती होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि हादसे से कुछ दूर पहले ट्रैक पर कर्व है, इस वजह से संभव है कि उसे भीड़ दिखी ही नहीं हो। उन्होंने सवाल किया कि ड्राइवर गाड़ी चलाएगा या इधर-उधर देखेगा? वहीं फिरोजपुर डीआरएम ने भी कहा है कि इस हादसे में ट्रेन के ड्राइवर की कोई गलती नहीं थी। उन्होंने कहा, "ट्रेन 90 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ रही थी।ड्राइवर ने ब्रेक लगाई। हादसे के वक़्त स्पीड 68 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई। ट्रेन को रोकने के लिए 600 - 700 मीटर पहले ब्रेक लगाना पड़ता है। ड्राइवर ने हॉर्न भी बजाया था, शोर की वजह से लोगों ने सुना नहीं।
मृतकों और घायलों के लिए मुआवजाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतसर के पास रावण दहन के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से मारे गए लोगों के परिजनों के लिये दो-दो लाख रुपये, जबकि घायलों के लिये 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता को मंजूरी दी है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को ही इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की और कहा कि वह राहत एवं बचाव अभियान के व्यक्तिगत निरीक्षण के लिए मौके पर जा रहे हैं। इसी के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अमृतसर के डीसी को ट्रेन हादसे में घायल लोगों की मदद के लिए 3 करोड़ रुपये भी दिए। "