बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में अमृतसर हादसे को लेकर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नवजोत कौर सिद्धू के खिलाफ मामला दायर किया गया है। वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रेलवे और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। अमृतसर में दशहरा के दिन रावण दहन के दौरान करीब 62 लोगों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गई थी। मृतकों में बिहार के प्रवासी भी शामिल थे।
- सिद्धू के बचाव में कांग्रेस सांसद सुनील जाखड़ और पंजाब के मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा आगे आए और उन्होंने घटना के लिए रेल अधिकारियों को दोषी ठहराने का प्रयास किया।
- पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह इजरायल गए हुए हैं। उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से स्थिति की समीक्षा की और उन्हें प्रभावित परिवारों को राहत और मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा।
- इस हादसे से नाराज लोगों ने रविवार को पथराव किया था और सुरक्षा कर्मियों के साथ उनकी झड़प भी हुई थी। वे पटरियों पर बैठ गए थे जहां दुर्घटना हुई। बाद में उन्हें अधिकारियों द्वारा हटा दिया गया।
- समीक्षा बैठक के दौरान, अधिकारियों ने सिंह को बताया कि एक को छोड़कर सभी पीड़ितों की पहचान कर ली गई है।
- इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अमृतसर दुर्घटना को लेकर सोमवार को रेलवे और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया।
- नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा कि रेल पटरियों पर लोगों के बैठने को ‘समझदारी भरा काम' नहीं कहा जा सकता, लेकिन साथ ही इस ‘भयावह घटना' के पीछे ‘जिले के अधिकारियों की लापरवाही स्पष्ट है।'
- एनएचआरसी प्रवक्ता ने कहा कि आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से चार हफ्तों में मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया।
मारे गए लोगों के परिवारों को सिद्धू ने लिया गोद, कहा- ताउम्र सँभालने को तैयारवही दूसरी तरफ अमृतसर ट्रेन हादसे में मरे लोगों की जिम्मेदारी अब नवजोत सिंह सिद्धू लेंगे। अमृतसर रेल हादसे को लेकर विरोधियों के निशाने में आ चुके नवजोत सिंह सिद्धू और उसकी पत्नी नवजोत कौर ने ऐलान किया है कि वह सभी परिवार की जिम्मेदारी उठाएंगे। उन्होंने कहा, 'अगर किसी परिवार में कोई कमाने वाला या संभालने वाला नहीं है तो मैं और मेरी पत्नी उनको ताउम्र संभालेंगे। उन्होंने कहा कि वह परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दिलाने की कोशिश भी करेंगे।'
वहीं इस दौरान सिद्धू ने एक विडियो भी दिखाया कि DMU ट्रेन वास्तव में रोजाना कितनी स्पीड में जाती है। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस समय ये हादसा हुआ उस समय ट्रेन की हेडलाइट भी नहीं जल रही थी। नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को भारतीय रेलवे पर निशाना साधते हुए उसके कामकाज पर कई सवाल उठाये और पूछा कि कैसे ट्रेन के लोको पायलट को ‘क्लीन चिट' दी जा रही है। सिद्धू ने पूछा, ‘‘आपने कौन से आयोग का गठन किया था कि आपने एक दिन में उसे (लोको-पायलट) क्लीन चिट दे दी। क्या चालक स्थाई था या वह एक दिन के लिए काम में लगा हुआ था। आप क्यों नहीं कहते हो?" उन्होंने दावा किया, ‘‘जब आप गाय के लिए (ट्रेन) रोकते हैं, कोई ट्रैक पर बैठे पाया गया तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाती है। आप लोगों को रौंदते हुए निकल जाते हो और आप नहीं रुके। ट्रेन की गति क्या थी? यह 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक थी...सनसनाते हुए निकल गयी।''