अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार की शाम दशहरा dussehra 2018 के मौके पर रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी। लोग रेल की पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी अचानक तेज रफ्तार में ट्रेन आई और सैकड़ों लोगों को कुचलती हुई चली गई। ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ। बता दे, इस हादसे में 61 लोगों की मौत हो गई है, हालाकि सभी मृतकों की पहचान हो गई है लेकिन एक की पहचान नहीं हो पाई है। दरअसल इस शव का सिर बरामद नहीं हुआ है। वहीं जैसे ही पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख मुआवजा देने की घोषणा की तो पैसों के लालची कई लोगों शव पर अपनी दावेदारी जता रहे है। यह सब देख कर पुलिस भी हैरान है कि इतनी दुखद घटना में जहा एक दूसरे के दुखों को बाटना चाहिए लेकिन लोग पैसों के लालच में इस तरह की हरकतें कर रहे हैं। वहीं इस शव की दावेादरी जताने के पहुंचे तीनों लोगों से जब पुलिस ने डीएनए की बात की तो ये वहां से रफू-चक्कर हो गए।
जीआरपी के एसएचओ ने बताया कि डीएनए मैच किए बिना इस मृतक का वारिस घोषित नहीं किया जाएगा। हादसे के बाद से ये शव जीआरपी के पास है। उन्होंने बताया कि काफी तलाश के बावजूद इस शव का सिर नहीं मिल पाया है। वहीं इस शव के पास से कोई ऐसा दस्तावेज भी नहीं मिला है जिससे उसकी शिनाख्त हो सके। तीन लोग पहुंचे दावेदारी जताने
जीआरपी एसएचओ बलबीर घुम्मण ने बताया कि इस शव की दावेदारी के लिए तीन लोग पहुंचे। दो लोगों से डीएनए जांच की बात की गई तो वो वहां से चुपके निकल गए। वहीं एक महिला भी दावेदारी जताने पहुंची थी जो सही से मृतक का हुलिया नहीं बता पाई और वहां से खिसक गई।
पुलिस ने करवाया शव का डीएनए
पुलिस ने शव का डीएनए टेस्ट करवा दिया है और उसके सैंपल लेकर सुरक्षित रख लिए हैं। इस शव का सिर नहीं मिलने से मृतक के परिजनों को ढूंढने में काफी दिक्कतें हो रही है। ये शव किसका है और मृतक कहां का रहने वाला है, पुलिस इन सवालों के जवाब ढूंढने में लगी है।