स्मृति ईरानी के करीबी और BJP कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या, पीड़ित परिवार ने कांग्रेस पर लगाया आरोप

अमेठी से बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी के करीबी व्यक्ति को गोली मार दी गई जिसे इलाज के लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बीजेपी कार्यकर्ता का नाम सुरेंद्र सिंह बताया जा रहा है। सुरेंद्र सिंह स्मृति ईरानी की जीत का जश्न मनाकर घर लौटे थे। तभी कुछ अज्ञात बदमाश उनके घर पहुंचे और उन्हें गोली मार दी। इस घटना की जानकारी होते ही अमेठी सांसद स्मृति ईरानी दिल्ली से अमेठी के लिए निकल गई हैं और वो वहां पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगी।

इस घटना के बाद बरौलिया इलाके में कोहराम मचा हुआ है। सुरेंद्र सिंह उस बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान भी थे, जहां चुनाव प्रचार के दौरान स्मृति ईरानी ने जूते बांटे थे। उन्हें स्मृति ईरानी का करीबी माना जाता था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने स्मृति ईरानी पर बरौलिया गांव के लोगों को जूते बांटने का आरोप लगाते हुए इसे अमेठी के लोगों का अपमान बताया था। बरौलिया गांव को पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था।

अपर पुलिस अधीक्षक दया राम ने बताया कि बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह को शनिवार रात करीब 11:30 बजे अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी। उन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गयी।उन्होंने बताया कि इस मामले में दो लोगो को हिरासत में लिया गया है। घटना की जांच जारी है। मृतक सुरेंद्र सिंह के बेटे ने अपने पिता की हत्या के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर इशारा किया है।

स्मृति की जीत की ख़ुशी में गांव में जश्न मना रहे थे सुरेंद्र सिंह

बता दें कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान स्मृति ईरानी अपने पचार में ब्लॉक और गांव स्तर के नेताओं को ले जाकर प्रचार करती थीं। ऐसे में जब भी वो जामो इलामें में आती थीं, तो ग्राम प्रधानों/पूर्व प्रधानों को बुलाकर उनके साथ जनसम्पर्क करती थीं। उन्हीं पूर्व ग्राम प्रधानों में से एक सुरेंद्र सिंह कल स्मृति की जीत की ख़ुशी में गांव में जश्न मना रहे थे।

गौरतलब है कि बीजेपी की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पार्टी सांसद रहे राहुल गांधी को इसबार हराकर अमेठी की सीट जीती है, अमेठी को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है और कांग्रेस पार्टी ही यहां जीतती आ रही थी, इसबार के चुनाव परिणाम बीजेपी के पक्ष में आए हैं जिसके बाद यहां राजनीतिक गोलबंदी तेज हो गई है।

इस घटना को भी इसके परिणामस्वरूप ही बताया जा रहा है। पुलिस इस मामले की तफ्तीश कर रही है कि कौन लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं फिलहाल इस घटना से क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है।