नहीं थम रहा अमेरिका-चीन का कोल्ड वॉर, अब लगाया मुस्लिम औरतों के गर्भपात का आरोप

अमेरिका-चीन के रिश्ते उलझनों से भरे रहे हैं जिसमें वे एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं। कोरोना के आने के बाद से ही अमेरिका द्वारा चीन पर निशाना साधा गया हैं और बढ़ते कोरोना के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया गया हैं। अमेरिका-चीन का यह कोल्ड वॉर अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा हैं और अब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो द्वारा चीन पर निशाना साधते हुए मुस्लिम औरतों के गर्भपात का आरोप लगाया गया हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, चीन ने देश के पश्चिमी शिनझियांग प्रांत में न सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के गर्भपात की कोशिशें कर रहा है बल्कि पुरुषों की नसबंदी भी कर रहा है। उन्होंने कहा इस तरह की हरकतें मानवता को शर्मसार करती हैं।

पोम्पियो ने कहा, मैंने कुछ हफ्ते पहले ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में एक रिपोर्ट पढ़ी जिसमें देश के पश्चिमी प्रांत में सामूहिक गर्भपात और नसबंदी के लिए उइगर व अल्पसंख्यक समुदाय के महिला पुरुषों को मजबूर करने के बारे में पढ़ा। यह सबकुछ मानवाधिकारों का सरासर उल्लंघन है।अमेरिकी प्रांत आयोवा में मीडिया से बातचीत के दौरान पोम्पियो ने कहा कि चीन के शिनझियांग प्रांत में कई हिरासत केंद्र हैं, जहां मुस्लिमों की धार्मिक आजादी छीनी जा रही है। उन्होंने कहा कि चीन अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाना चाहता है। इसी के तहत वह हांगकांग और ताइवान में भी विरोध के सुर दबाने के लिए हर हथकंडा अपना रहा है। हांगकांग के नए सुरक्षा कानून को पोम्पियो ने वहां के लोगों के लिए खतरा बताया जिसका असर जल्द ही देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस चाल को कामयाब नहीं होने देगा।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, एक सच्चाई ये भी है कि चीन ग्लोबल कम्युनिकेशन (विश्व संचार) नेटवर्क पर अपना कब्जा चाहता है। इसके लिए वो तमाम कोशिशें कर रहा है। वहां की हुवावे कंपनी दुनिया के कई देशों में अपने नेटवर्क का इस्तेमाल जासूसी के लिए कर रही है। हम दुनिया के इन देशों को बताना चाहते हैं कि अगर वो हुवावे के साथ कारोबार कर रहे हैं तो यह मानवता के खिलाफ भी अपराध होगा।

इस बीच, अमेरिका ने चीन के पांच नागरिकों और दो कंपनियों के खिलाफ ड्रग्स से जुड़े आरोपों के तहत केस दर्ज कर लिया। आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जा सकती है। वाशिंगटन ने यह कार्रवाई विदेशी नारकोटिक्स किंगपिन डेसिग्नेटेड एक्ट के तहत की है।