अब क्रिमिनल केस चले तो मुसीबत में आ सकते है डोनाल्ड ट्रंप, जा सकते हैं जेल!

अमेरिका की जनता ने डेमोक्रेट नेता जो बाइडन (Joe Biden) को अपना राष्ट्रपति चुना है। डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद के अपने दूसरे कार्यकाल के लिए वापसी नहीं कर सके। ये खबरें हैं कि मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार मानने से न केवल कतरा रहे हैं बल्कि उसे पचा भी नहीं पा रहे हैं। आपको बता दे, ये महज़ उनकी चुनावी हार नहीं है, उन्हें आगे और भी मुश्किलें हो सकती हैं। राष्‍ट्रपति पद से हटते ही वह जेल भी जा सकते हैं। पूर्व अभियोक्ताओं और कानूनी विशेषज्ञों के हवाले से खबरों में कहा जा रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति को अमेरिका का कानूनी ढांचा जो कानूनी हिफाज़त देता है, उसके छिनते ही ट्रंप भारी मुसीबत में आ सकते हैं।

जी हां, जनवरी 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही ट्रंप के खिलाफ कई सिविल केसों समेत क्रिमिनल मामलों में जांच चल रही है। और खबरों की मानें तो बाइडन के राष्ट्रपति पद संभालते ही और ट्रंप के व्हाइट हाउस छोड़ते ही ट्रंप को ये कानूनी लड़ाइयां महंगी पड़ सकती हैं। ऐसी ही कुछ प्रमुख जांचों और मामलों को आप भी जानिए।

पूर्व अभियोक्ताओं और कानूनी विशेषज्ञों (Legal Experts) के हवाले से खबरों में कहा जा रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति को अमेरिका का कानूनी ढांचा (US Legal System) जो कानूनी हिफाज़त देता है, उसके छिनते ही ट्रंप भारी मुसीबत में आ सकते हैं। अमेरिका का न्याय मंत्रालय ही ट्रंप के खिलाफ क्रिमिनल आरोपों में जांच कर सकता है, जो एक नए अटॉर्नी जनरल को सौंपी जा सकती है। अस्ल में, कानूनी विशेषज्ञों ने कहा था कि टैक्स चोरी के आरोप में संघीय स्तर पर जांच ट्रंप के खिलाफ संभव है क्योंकि एनवायटी की खबर के हिसाब से ट्रंप ने 2016 और 2017 में सिर्फ 750 डॉलर आयकर के तौर पर अदा किए। ट्रंप ने हालांकि एनवायटी की रिपोर्ट को गलत करार देकर कहा था कि उन्होंने नियमानुसार टैक्स अदा किया और लाखों डॉलर चुकाए। दूसरी तरफ, कानूनी विशेषज्ञ कह रहे हैं कि पूरे दस्तावेज़ देखे ​बगैर कुछ समझना मुश्किल है, लेकिन इतना बड़ा टैक्स फ्रॉड अगर सच है, तो यह बड़ा क्रिमिनल केस है। वहीं, बाइडन साफ कह चुके हैं कि न्याय विभाग जो उचित समझेगा, कार्यवाही करेगा और उसमें टांग अड़ाने का सवाल ही नहीं है।

पेस यूनिवर्सिटी में कॉनस्टीच्यूशनल लॉ के प्रोफेसर बैनेट गर्शमैन ने कहा कि इस बात की संभावना है कि डोनाल्ड ट्रंप पर आपराधिक मामले चलाए जाएंगे। प्रोफेसर बैनेट गर्शमैन ने न्यूयॉर्क में एक दशक तक अभियोक्ता के तौर पर सेवाएं दी हैं। गर्शमैन ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप पर बैंक धोखाधड़ी, कर धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, चुनावी धोखाधड़ी जैसे मामलों में आरोप लग सकते हैं। उनके कामों से जुड़ी जो भी जानकारी मीडिया में आ रही है वो वित्तीय हैं।

पिछले दो साल से ज़्यादा समय से ट्रंप और उनकी पारिवारिक कंपनी ट्रंप ऑर्गेनाइज़ेशन के खिलाफ क्रिमिनल जांच कर रहे मैनहैटन के ज़िला अटॉर्नी सायरस वान्स की जांच में कई सिरे खुल चुके हैं। 2016 में चुनाव से पहले दो महिलाओं ने ट्रंप के साथ सेक्सुअल संबंध होने की बात कही थी, जिससे ट्रंप ने इनकार किया था। लेकिन इन महिलाओं को क​थित तौर पर ट्रंप के पूर्व वकील माइकल कोहेन ने गुपचुप ढंग से रकम अदा की थी। इस मामले की जांच में हाल में कोर्ट में वान्स ने जो कागज़ात सौंपे, उसमें इस जांच का दायरा बढ़कर बैंक, टैक्स, इंश्योरेंस फ्रॉड और गलत बिज़नेस रिकॉर्ड तक पहुंच चुका था। ट्रंप ने वान्स की इस जांच को राजनीति से प्रेरित बदले की कार्यवाही करार दिया था क्योंकि वान्स डेमोक्रेट हैं। दूसरी तरफ, ट्रंप के पिछले 8 सालों के टैक्स रिटर्न्स संबंधी कागज़ात जुटाने की खबरों से वान्स चर्चा में रहे थे।

एक मशहूर पत्रिका की पूर्व लेखक ई जीन कैरोल ने ट्रंप पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 1990 में एक डिपार्टमेंट स्टोर में कैरोल के साथ बलात्कार किया था। कैरोल ने इस मामले में 2019 में ट्रंप के खिलाफ मानहानि का दावा किया था। इस मामले में जज ने केस बढ़ाने की इजाज़त अगस्त में दी। इसका मतलब है कि कैरोल की बताई गई ड्रेस के नमूनों को मैच करने के लिए डीएनए जांच हो सकती है। हालांकि फेडरल जज ने इस मामले को खारिज करने की दिशा में कवायद की थी, लेकिन अब कानूनी विशेषज्ञ मान रहे हैं कि बाइडन के न्याय विभाग में इस केस में कोई रुकावट नहीं होगी और इसकी कार्रवाई चल सकेगी।

डोनाल्ड ट्रंप के रिएलिटी टीवी शो 'द अप्रेंटिस' में 2005 में एक कंटेस्टेंट के तौर पर शामिल हुईं समर ज़ेर्वोस ने आरोप लगाया था कि ट्रंप ने 2007 की एक मीटिंग के दौरान पहले तो उन्हें जबरन किस किया था और फिर होटल में उनके साथ शारीरिक तौर पर छेड़छाड़ यानी अश्लील हरकतें की थीं। जब ट्रंप ने इसे झूठ कहा तो ज़ेर्वोस ने मानहानि का केस दायर किया।