अपने नागरिकों से बोला US- तुरंत छोड़ें इराक, ईरानी राष्ट्रपति ने कहा - सुलेमानी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों से बदला लेंगे

अमेरिका (America) के हवाई हमले में ईरान के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी (General Qasem Soleimani) की मौत हो गई है। कासिम सुलेमानी की मौत के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अमेरिका ने बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने सभी नागरिकों को तुरंत इराक छोड़ने के लिए कह दिया है। दूसरी ओर ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने ट्वीट कर अमेरिका को चेतावनी दी है। वही इसके साथी ही कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ा उछाल आया है। ब्रेंट क्रूड के दाम कुछ ही मिनटों में 3 डॉलर बढ़कर 68 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए है। ऐसे में महंगे क्रूड का असर घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों पर पड़ेगा।

अमेरिकी दूतावास ने बिगड़ते हालात को देखते हुए शुक्रवार दोपहर को एक प्रेस रिलीज़ जारी की। इसमें बगदाद में मौजूद सभी अमेरिकी नागरिकों से वापस अमेरिका लौटने की सलाह दी है। प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि सभी नागरिक तुरंत यहां से निकलें, फिर चाहे वो अमेरिका लौटना हो या किसी और देश जाना हो।

अमेरिकी दूतावास द्वारा सभी नागरिकों को तीन बातों का ध्यान रखने में कहा है...

- इराक ट्रैवल ना करें।
- अमेरिकी दूतावास के पास ना जाएं।
- हर छोटी-बड़ी खबरों पर ध्यान जरूर रखें।

अमेरिका ने जो एयरस्ट्राइक की है, वह बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास हुई है। जहां पर जनरल कासिम सुलेमानी और उनके साथी गाड़ी से जा रहे थे, तभी ड्रोन से गाड़ियों को उड़ा दिया गया। हालांकि, एयरपोर्ट पर अभी भी फ्लाइट की सुविधा शुरू ही है।

अमेरिका की इस एयरस्ट्राइक से ईरान गुस्सा में है। ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने ट्वीट कर लिखा है कि जनरल कासिम सुलेमानी ने उग्रवाद के खिलाफ जो लड़ाई का झंडा उठाया था, उसे बुलंद ही रखा जाएगा। अमेरिका के द्वारा जो ज्यादतियां की जा रही हैं, उसका बदला जरूर लिया जाएगा। अपने कमांडर की मौत के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयोतुल्लाह खमनेई ने सुलेमानी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों से बदला लेने का ऐलान कर दिया है।

आपको बता दे, अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से कच्चे तेल की सप्लाई में भी कमी आ सकती है। इसीलिए क्रूड के दाम बढ़ गए है। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी नोमुरा के अनुमान के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतों में 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी से भारत के राजकोषीय घाटे और करंट अकाउंट बैलेंस पर असर होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में क्रूड महंगा होने से इंडियन बास्केट में भी क्रूड महंगा हो जाता है। इससे तेल कंपनियों (HPCL, BPCL, IOC) पर दबाव बढ़ता है कि वो भी महंगा कच्चा तेल खरीदने पर पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ाएं। ऐसे में पेट्रोल और डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ जाता है, जिससे महंगाई बढ़ने का डर होता है।