बीकानेर : ब्लैक फंगस से लड़ाई में डॉक्टर्स दिखा रहे कमाल, जिन 42 का ऑपरेशन हुआ वो सभी ठीक

कोरोना का उतार जारी हैं और इस बीच ब्लैक फंगस महामारी अपना प्रभाव दिखाने लगी हैं। आए दिन इसके नए रोगी मिल रहे हैं जिसमें फैली फंगस की वजह से किसी की आंख निकाली पड़ रही हैं तो किसी का जबड़ा। इस बीच बीकानेर के डॉक्टर्स का बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला जिसमें जिन 42 का ऑपरेशन किया गया वो सभी ठीक हैं। पहले जो केस सामने आए, उन्हें ऑपरेशन के लिए पीजीआई चंडीगढ़ ले जाना पड़ा लेकिन अब ऐसे ऑपरेशन बीकानेर में आसानी से हो रहे हैं। यहां पीबीएम अस्पताल में अब तक 85 ब्लैक फंगस रोगियों को भर्ती किया जा चुका है, जिसमें 42 का ऑपरेशन हुआ है। पीबीएम अस्पताल के ब्लैक फंगस वार्ड में बुधवार को सात और रोगियों को भर्ती किया गया। ल्द ही बीकानेर में ब्लैक फंगस का आंकड़ा सौ तक पहुंच सकता है। ऑपरेशन की फिफ्टी तो गुरुवार को हो जायेगी। बुधवार को ही चार और ऑपरेशन किए गए।

सरदार पटेल मेडकिल कॉलेज के ईएनटी प्रोफेसर डॉक्टर गौरव गुप्ता ने बताया कि बीकानेर में आए किसी भी रोगी को पीजीआई चंडीगढ़ नहीं भेजा गया। वैसी ही सुविधाएं और इलाज बीकानेर में आसानी से हाे रहा है। अब तक 49 रोगियों का ऑपरेशन किया गया है। पीबीएम अस्पताल के ENT, डेंटल, कैंसर, सर्जरी और एनेस्थिसिया रोगियों की विशेष भूमिका है। बीकानेर में हुए 49 ऑपरेशन में कई रोगियों की आंखे निकाली तो किसी के जबड़े का ऑपरेशन करना पड़ा। नाक का ऑपरेशन भी हुआ। अगर ब्लैक फंगस मस्तिष्क तक पहुंच गया है तो ऑपरेशन मुश्किल होता है जबकि अन्य कहीं भी है तो ऑपरेशन किया जाता है। अब तक सात रोगियों की आंखें निकाली जा चुकी है। वहीं कई रोगियों के जबड़े निकले हैं।

खास बात यह है कि मेडिकल कॉलेज की टीम बहुत समन्वय के साथ इस रोग से लड़ रही है। इस टीम में करीब एक दर्जन डॉक्टर्स काम कर रहे हैं। औसतन हर रोज पांस से सात ऑपरेशन किए जा रहे हैं। बिना छुट्‌टी और दबाव के ब्लैक फंगस से लड़ रहे इन डॉक्टर्स के कारण ही बीकानेर में इस भयावह रोग से मौत के आंकड़े बहुत कम है। 85 में 12 की मौत हुई है। मौत उन रोगियों की हुई, जिनके मस्तिष्क तक फंगस पहुंच चुका है।