अमरनाथ यात्रा: कड़ी सुरक्षा के बीच पवित्र शिवलिंग तक पहुंच रहे हैं भक्त, 1 दिन में अधिकतम 15000 लोग कर सकेंगे दर्शन

अमरनाथ यात्रा में बाबा बर्फानी के दर्शन की शुरुआत आज 1 जुलाई से हो गई है। 15 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा को सुरक्षित संपन्न कराने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। इस यात्रा की सुरक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार, सुरक्षाबलों और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। पाकिस्तान के साथ सख्त रुख अपनाने और घाटी में आतंकियों के सफाये के लिए चल रहे 'ऑपरेशन ऑलआउट' के मद्देनजर इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑलआउट में इस साल अब तक 130 आतंकियों को ढेर किया है। कश्मीर में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। इसके मद्देनजर अमरनाथ यात्रा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए गृह मंत्रालय ने भी खास तैयारी की है। यात्रा रूट पर IED के खतरे को देखते हुए। BDT टीम की संख्या दो गुनी की गई है। साथ ही 40 ऐसे नए एक्सपर्ट को लगाया जा रहा है जिन्होंने हाल ही में IED से निपटने की खास ट्रेंनिग ली है।

यात्रा रूट पर CCTV कैमरे और ड्रोन की संख्या दो गुनी की जाएगी। आरएफ टैगिंग के लिए ज्यादा संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा। साथ ही हर प्राइवेट गाड़ी का भी आरएफ टैगिंग किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा को ज्यादा हाईटेक करने के लिए 55 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए हैं। पहलगाम के नुनवान कैंप और बालटाल कैंप की सुरक्षा के लिए स्पेशल कमांडो तैनात किए गए है। इतना ही नहीं यात्रा के लिए दिल्ली से रेलवे ने स्पेशल ट्रेन भी शुरू की है। जो हफ्ते में दो बार चलेगी। 15 अगस्त तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा में लगभग 40 हज़ार सुरक्षाकर्मी लगे हुए हैं। अभी मौसम ठीक बना हुआ है, लेकिन अगले 48 घंटे में मौसम खराब हो सकता है।

बाबा बर्फानी के भक्त कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पवित्र शिवलिंग तक पहुंच रहे हैं। सुबह 7 बजे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यापाल मलिक के साथ पहली पूजा के बाद से श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन कर रहे हैं। जम्मू से अमरनाथ यात्रियों का दूसरा जत्था भी बालटाल और पहलगांव के लिए रवाना हो गया है। यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के साथ-साथ अद्धसैनिक बलों और सेना के पास है। यात्रा को सुरक्षित संपन्न कराने के लिए हर संभव कोशिश की गई है। दोनों ही रास्तों से एक दिन में अधिकतम 15 हज़ार लोग बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे।

आधुनिक तकनीक से रखी जा रही है चप्पे-चप्पे पर नजर

इस साल आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए हर गली और कोनों पर सीसीटीवी कैमरा लगाये गये हैं। केन्द्र सरकार के निर्देश पर आधुनिक बुलेटप्रूव गाड़िया घाटी भेजी गई है। घने जंगल के क्षेत्र की निगरानी के लिए ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है, जहां आतंकवादी छिप जाते है।