बाबा बर्फानी के भक्तों को लगा बड़ा झटका, कोरोना के चलते रद्द हुई अमरनाथ यात्रा

बाबा बर्फानी के भक्तों को बड़ा झटका लगा है। देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए बोर्ड ने फैसला लिया है कि इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा का संचालन करना उचित नहीं है। यात्रा को रद्द करने की घोषणा की जा रही है।

जम्मू और कश्मीर सरकार के राजभवन से जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने निर्णय लिया कि इस वर्ष की श्री अमरनाथजी यात्रा को आयोजित करना और संचालन करना उचित नहीं है। आदेश में यात्रा को रद्द करने की घोषणा करने पर खेद भी व्यक्त किया गया है।

बता दें कि इससे पहले अमरनाथ यात्रा 23 जून और उसके बाद 21 जुलाई से शुरू होने की बात कही गई थी, लेकिन अब यात्रा को रद्द करने का औपचारिक ऐलान हो चुका है। इससे पहले यात्रा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी। याचिका अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि अमरनाथ यात्रा में सालाना 10 लाख से ज्यादा भक्त पहुंचते हैं। इतनी संख्या में लोगों के आने से कोरोना फैलने का खतरा बना रहेगा।

अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने क्या कहा

अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट गवर्नर गिरीश चंद्र मुर्मू ने मंगलवार को बोर्ड की 39वीं बैठक की अध्यक्षता की। बोर्ड के सदस्यों ने यात्रा के संचालन पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया।

श्राइन बोर्ड ने कहा कि हम लाखों भक्तों की भावनाओं के बारे में जानते हैं और उनका सम्मान करते हैं। बोर्ड सुबह और शाम की आरती का लाइव टेलीकास्ट जारी रखेगा। इसके अलावा पारंपरिक अनुष्ठानों को भी पहले की तरह जारी रखा जाएगा।

बता दें कि अमरनाथ यात्रा शुरू करने को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही थीं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे थे। खबरें ये भी थीं कि इस बार सिर्फ बालटाल रूट से अमरनाथ यात्रा कराने की योजना बनाई जा रही है। हेलीकॉप्टर से यात्रा पर भी विचार किया जा रहा है।

श्राइन बोर्ड करता है इंतजाम

बता दें कि अमरनाथ यात्रा का संचालन अमरनाथ श्राइन बोर्ड करता है। बोर्ड जून-जुलाई में होने वाली इस यात्रा को लेकर जनवरी से ही तैयारियों में जुट जाता है। हर साल यात्रा शुरू होने से पहले राज्यपाल बाबा बर्फानी की प्रथम पूजा करते हैं। छड़ी मुबारक के साथ इस यात्रा का आगाज होता है।

बता दे, सावन पूर्णिमा यानी तीन अगस्त तक पवित्र गुफा में सुबह-शाम की आरती चलती रहेगी। इसके साथ ही छड़ी मुबारक समेत सभी परंपराओं का निर्वहन होगा। कोरोना संकट को देखते हुए 21 जुलाई से हेलिकाप्टर से बालटाल ट्रैक से यात्रा शुरू कराने पर विचार चल रहा था। इस बीच लगातार प्रदेश सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए था। बढ़ते मामलों को देखते हुए इस महीने पवित्र गुफा में सुबह और शाम की आरती का शुभारंभ किया गया। इसका दूरदर्शन से सीधा प्रसारण किया जा रहा है।

यात्रा मार्ग पर कठुआ से लेकर घाटी तक लगभग सभी जिलों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार ने बढ़ते खतरे को देखते हुए यात्रा रद्द करने का फैसला किया। हालांकि, लखनपुर में प्रवेश द्वार पर यात्रियों के स्वागत के लिए तोरण द्वार बना दिए गए थे। शहर में जगह-जगह यात्रियों के स्वागत से संबंधित होर्डिंग्स भी लगा दिए गए थे। जम्मू में भगवती नगर स्थित बेस कैंप में भी तैयारियां शुरू कर दी गई थी।

आने वाले यात्रियों के लिए दो हॉल में लगभग 200 बेड तैयार कर दिए गए थे। सुरक्षा जांच तथा सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात कर दिया गया था। इससे पहले पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाने की प्रक्रिया के दौरान बीच में ही यात्रा स्थगित कर दिया गया था। बता दें यात्रा मार्ग पर आतंकी हमले के बाद भी कभी यात्रा रोकी नहीं गई थी।